कृषि विभाग द्वारा गुरुवार को कृषि विज्ञान केन्द्र बक्शा में कृषि सूचना तन्त्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम के तहत चार दिवसीय विराट किसान मेला/गोष्ठी/प्रदर्शनी के दूसरे दिन का आयोजन किया गया, इसमें कृषि विविधीकरण द्वारा किसानों की आय दूनी करने के उपाय, फार्मर रजिस्ट्री, प्राकृतिक खेती,विपणन व्यवस्था, मृदा स्वास्थ्य, रबी फसलों के बेहतर उत्पादन वाली तकनीकीयो एवं लाभकारी कृषि योजनाओं से विशेषज्ञों द्वारा किसानों को प्रशिक्षित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी डा0 दिनेश चंद्र ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने तथा आय बढ़ाने हेतु सन्तुलित खेती के साथ – साथ पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम उत्पादन, मशरूम उत्पादन अति आवश्यक है ताकि कृषि विविधीकरण अपनाते हुए विभिन्न स्रोतों से अपनी आय में वृद्धि कर किसान अपनी समृद्धि कर कृषि का सतत विकास कर सकते है। उन्होंने बताया कि गाँवो में कैम्प लगाकर फार्मर रजिस्ट्री का कार्य किया जा रहा है किसान सम्मान निधि के साथ अन्य योजनाओं के लाभ के लिए सरकार द्वारा फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दिया गया है।
मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य किसान मोर्चा अरविंद सिंह ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों को अब खेती को आजीविका के साधन के रूप में नही बल्कि उद्यम के रूप में अपनाने की आवश्यकता है, इसमे कृषि तथा संबंधित विभागों यथा पशुपालन, उद्यान, मत्स्य, मंडी का सहयोग किसान भाइयों को लेना होगा।
विशिष्ट अतिथि जिला संयोजक सहकारिता संतोष उपाध्याय ने कहा कि एक देसी गाय के गोबर एवं गोमूत्र से किसान बहुत कम लागत में वेहतर उपज प्राप्त कर अपनी समृद्धि कर सकते है। कृषि वैज्ञानिक डा. आरके सिंह ने रबी फसलों की सुरक्षा, गन्ना उत्पादन तकनीक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य तालाब प्रबंधन, अन्तः फसली खेती एवं जैविक खेती,एफपीओ, फसल बीमा की जानकारी विस्तार से दिया।
कार्यक्रम का संचालन उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने किया। गायिका प्रतिमा यादव ने खेती किसानी गीत गाकर किसानों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इस मौके पर उप कृषि निदेशक हिमांशु पांडेय, जिला कृषि अधिकारी विनय सिंह, जिला उद्यान अधिकारी डा. सीमा सिंह, सहित कृषि एवं संबंधित विभागों के सभी अधिकारी एवं भारी संख्या में किसान मौजूद रहे।
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