अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। विश्व पर्यावरण दिवस की मौके पर कौमी एकता की प्रतीकसाहित्यिक संस्था हिंदी उर्दू अदबीसंगम ललितपुर की बैनर तले हास्य कवि काका ललितपुरी के निज निवास पर कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता रामप्रकाश शर्मा ने की एवं संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता रामकृष्ण ने किया। सर्वप्रथम मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया गया एवं संस्था की द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम जिसके अंतर्गत नीम एवं पीपल की पौधे भी लगाए गए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए रामकृष्ण कुशवाहा एड.पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए वृक्षों के महत्व पर शेर पढ़ते हुए कहा वृक्षों को मत काटो धरती बंजर हो जाएगी। यह ना होंगे तो सोचो ऑक्सीजन कहां से आएगी। इसी क्रम में महिला शक्ति की ओर से सुमनलता शर्मा चांदनी ने शेर पढ़ते हुए कहा आओ मिलकर हम पर्यावरण दिवस मनाए, घर के आंगन में एक पौधा जरूर लगाएं। विक्रम रामस्वरूप नामदेव अनुरागी खूबसूरत गीत पेश करते हुए कहा पौधा लाए हैं हम रोपण के लिए पानी तो देने दो कोई तो डे न इन्हे इनमें फल तो आने दो। प्रशांत श्रीवास्तव नवोदित कवि ने गीत पढ़ते हुए कहा पीपल की धानी छांव में चहका तो होगा। मस्त महुये की नशीली गंध से बहका होगा। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए महिला शक्ति की ओर से एक और बहन मंजू रानी कटारे ने गीत पढते हुये कहा कि रूप सलोना है तुमसे तुमसे मन की तरुणाई चांद सा है, साथी मेरा तुम से महक उठा अंगनाई। अशोक क्रांतिकारी कवि आशिकाना अंदाज में पेश करते हुए कहां मेरी आंखों से छलकते जाम है मेरी जुल्फों तो नशीली शाम है। कार्यक्रम के संयोजक काका ललितपुर इन्हीं लोगों को नसीहत देते हुए कहा अब शामिल हो गई कचरा जैसी चीज यहां वहां वह कैसे जिसमें नहीं तमीज। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य कवि अनिल भटनागर मामा, किशन सिंह बंजारा, गेंदालाल सतभैया, एमआर खान, सरवर हिंदुस्तानी ने करते हुए समापन की ओर बढ़ाया। इस दौरान बृजेश श्रीवास्तव, श्याम शर्मा, परिचय नामदेव, शिवम कटारे, विजय पटेल, राजेश पटेल, संजय अध्यापक, धीरज, धनीराम कुशवाहा, त्रिवेणी देवी, ज्योति कुशवाहा आदि उपस्थित थे।
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