कोल इंडिया ने कोविड काल में पेश की कोयला उत्पादन एवं राष्ट्र सेवा की मिसाल:  प्रल्हाद जोशी

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अवधनामा संवाददाता

सोनभद्र/सिंगरौली। केंद्रीय कोयला मंत्री  प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान कोल इंडिया ने न सिर्फ ऐतिहासिक कोयला उत्पादन एवं प्रेषण किया, बल्कि राष्ट्र सेवा की ऐसी मिसाल पेश की जो अन्य संस्थानों के लिए अनुकरणीय है।  जोशी ने मंगलवार को नई दिल्ली में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) एवं उसकी अनुषंगी कंपनियों द्वारा कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने के लिए किए गए कार्यों पर आधारित पुस्तक “कोल इंडिया विन्स ओवर कोविड” का विमोचन करने के पश्चात अपने उद्बोधन में ये बातें कहीं। भारत सरकार के कोयला सचिव डॉ. अनिल कुमार जैन, अपर सचिव  विनोद कुमार तिवारी, कोल इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल, निदेशक (कार्मिक)  विनय रंजन, निदेशक (तकनीकी)  बी. वीरारेड्डी, कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशकगण सहित कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया के आला अधिकारी भौतिक या विडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये कार्यक्रम में शामिल हुए।
अपने संबोधन में  जोशी ने कहा कि कोविड के दौरान पीएम केयर्स फंड की स्थापना के महज दो दिनों के भीतर कोल इंडिया ने इसमें 221 करोड़ रुपये का योगदान दिया। इस दौरान कोल वॉरियर्स ने न सिर्फ कोयला खनन गतिविधियां चौबीसों घंटे-सातों दिन जारी रखीं, बल्कि कोयला खनन क्षेत्रों सहित देश भर में बेहतरीन मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मिसाल के तौर पर उड़ीसा में 1300 बेड, छत्तीसगढ़ में 200 बेड और झारखंड में 150 बेड का डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया। इसी तरह, ‘मिशन प्राणवायु’ के तहत कोल इंडिया ने देश भर में 31 ऑक्सिजन प्लांट लगाए, जिनसे 28 अस्पतालों में 5000 से अधिक बेड पर ऑक्सिजन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
भारत सरकार के कोयला सचिव  अनिल कुमार जैन ने कोविड के दौरान कोल इंडिया द्वारा अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज किए जाने के लिए किए गए प्रयासों की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि कोविड काल में कोल इंडिया ने कोयला ग्राहकों की परेशानियां दूर करने के लिए ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के तहत कई नई सहुलियतें दीं, जिनसे देश के कोयला क्षेत्र को रफ्तार मिली। उन्होंने कोविड काल में जरूरतमंदों एवं प्रवासी मजदूरों के लिए कोल इंडिया द्वारा उपलब्ध कराए गए गुणवत्तापूर्ण फुड पैकेट व राशन सामग्री वितरण एवं तहसील स्तर तक मेडिकल सुविधाएं पहुंचाने के लिए टीम कोल इंडिया की प्रशंसा की।
इस अवसर पर नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड(एनसीएल) की होल्डिंग कंपनी कोल इंडिया के अध्यक्ष  प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि कोविड काल में कोल इंडिया ने लोगों की मदद के लिए लगभग 750 करोड़ रुपये खर्च किए। साथ ही, मेडिकल सुविधाओं के सुचारू संचालन के लिए 1000 से अधिक डॉक्टरों एवं 3000 से अधिक पैरा-मेडिकल स्टाफ की भर्ती की, जो अपनी तरह की बड़ी कोशिश थी और यही वजह रही कि कोल इंडिया के अस्पतालों ने कोविड काल में जनसेवा की एक मिशाल पेश की। उन्होंने कोविड काल में हर मोर्चे पर बेहतरीन कार्य कर अपने समस्त हितग्राहियों को उम्दा सेवाएं प्रदान करने के लिए टीम कोल इंडिया की सराहना की।
कोल इंडिया के निदेशक (कार्मिक)  विनय रंजन ने कार्यक्रम में स्वागत संबोधन करते हुए जानकारी दी कि कोविड काल में जन सेवा के लिए कोल इंडिया के अस्पतालों की चौतरफा सराहना हुई और रांची स्थित सीसीएल के गांधी नगर अस्पताल पर उत्कृष्ट कार्य के लिए पुष्प वर्षा की गई। उन्होंने बताया कि इस दौरान कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी एनसीएल को देश में सार्वजनिक क्षेत्र की पहली ऐसी कंपनी होने का गौरव हासिल हुआ, जिसने अपने कर्मियों एवं उनके परिजनों का शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण कराया। कोविड के प्रति जनजागरूकता में कोल इंडिया के योगदान का भी उन्होंने जिक्र किया।
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