गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 30 नवंबर को गोरखपुर आएंगे। सीएम यहां गीडा दिवस पर गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, रेडीमेड गारमेंट पार्क और फ्लैटेड फैक्ट्री का शिलान्यास करेंगे। इन तीन औद्योगिक परियोजनाओं से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री 504 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। साथ ही 2.60 करोड़ रुपए की लागत वाली 49 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा वह 1200 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के निवेशकों को भूमि आवंटन का प्रमाण पत्र भी सौंपेंगे।
यादगार होगा इस बार का गीडा दिवस
गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पवन अग्रवाल का कहना है, इस बार का गीडा दिवस यादगार होगा। 30 नवंबर की शाम यहां मुख्यमंत्री 504 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करेंगे।
इन निवेश परियोजनाओं से 3400 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही वह वह 189.40 करोड़ रुपये के 32 विकास कार्यों का शिलान्यास और 70.24 करोड़ रुपये के 17 विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे।
इन प्रोजेक्ट्स का भी होगा लोकार्पण
शिलान्यास वाली परियोजनाओं में 27.26 करोड़ की लागत से सेक्टर 27 में 132 केवी विद्युत उपकेंद्र निर्माण, 69.58 करोड़ की लागत से सेक्टर 28 में प्लास्टिक पार्क का विकास कार्य, 33.92 करोड़ रुपए की लागत से सेक्टर 13 में फ्लैटेड फैक्ट्री का निर्माण शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के हाथों 12.06 करोड़ रुपये की लागत से भीटी रावत गीडा सेक्टर 26 में विद्युत उपकेंद्र का लोकार्पण किया जाएगा। गीडा दिवस समारोह में सीएम योगी विभिन्न उत्पादों के स्टालों का भी अवलोकन करेंगे।
गीडा को लेकर हमेशा लड़े सीएम योगी
दरअसल, 33 साल पहले 30 नवंबर 1989 को अधिसूचित गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की स्थापना नोएडा के तर्ज पर हुई थी। पर, विकास के मामले में यह अर्से तक पिछड़ा ही रहा।
सरकारों की उदासीनता के चलते यह सिर्फ नाम का औद्योगिक विकास प्राधिकरण बना रहा। 1998 में पहली बार सांसद बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ गीडा के विकास और यहां औद्योगिक माहौल बनाने के लिए लगातार आवाज उठाते रहे।
गीडा में अब 600 औद्योगिक इकाइयां
उनके प्रयास से कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट स्वीकृत भी हुए लेकिन परवान चढऩे से पहले हुक्मरानों की उदासीनता और लाल फीताशाही की भेंट चढ़ गए। गीडा में सकारात्मक बदलाव का दौर 2017 से शुरू हुआ, जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने। उनके निर्देश पर गीडा का लैंड बैंक बढ़ता गया तो निवेशकों को सुरक्षित माहौल में आसानी से भूखंड मिलने लगे।
आज गीडा में 600 औद्योगिक इकाइयां उत्पादनरत हैं और इनके जरिये करीब 20000 लोगों को रोजगार मिल रहा है। औद्योगिक इकाइयों के अलावा 20 शिक्षण संस्थान भी गीडा क्षेत्र में सेवारत हैं। निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थल बने गीडा में 173 एकड़ भूमि का आवंटन निवेशकों को किया गया है।