गोरखपुर। (Gorakhpur) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath ) गोरखपुर (Gorakhpur) पहुंच गए हैं। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (Deendayal Upadhyay Gorakhpur University) में ‘नाथ पंथ (‘Nath Panth’) के वैश्विक प्रदेय पर आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी (International seminar) का उदघाटन (Opening ) कियाा। तीन दिन चलने वाली इस संगोष्ठी (seminar) का उद्घाटन (Opening ) विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन (Deeksha bhawan ) में हुुुुआ। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन डीपी सिंह (DP Singh )भी मौजूद रहे।
विश्वविद्यालय में तीन दिनों तक चलने वाली संगोष्ठी (seminar) की पूरी अवधारणा (accreditation ) को छह खंडों में विभाजित किया है। जिसके अंतर्गत 35 तकनीकी सत्र आयोजित होंगे। संगोष्ठी(seminar) को यादगार और उपयोगी बनाने के लिए नाथ पंथ (‘Nath Panth’) पर दुनिया भर में अध्ययन करने वाले विद्वानों से संपर्क साधा गया है और उन्हेंं संगोष्ठी (seminar) में आनलाइन या आफलाइन मोड में आमंत्रित किया गया है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से तैयार किये गए ‘नाथपंथ (‘Nath Panth’) के शब्दकोश के पहले भाग और ‘नाथ संप्रदाय के तीर्थ स्थलों का भौगोलिक चित्रण दोनों पुस्तकों का विमोचन भी मुख्यमंत्री करेंगे। बाद में इन दोनों पुस्तकों का सात भाषाओं में प्रकाशन किया जाएगा। इसके साथ ही नाथ (‘Nath) संप्रदाय के शब्दकोश पर छह और भाग प्रकाशित किए जाएंगे। उद्घाटन कार्यक्रम में ही विश्वविद्यालय की ‘अर्न बाय लर्न (‘Arn by lerne ) योजना और यूनिवॢसटी की सोविनियर गिफ्ट शॉप (Souvenir Gift Shop ) का लोकार्पण भी मुख्यमंत्री (CM) करेंगे। तीन दिवसीय संगोष्ठी (seminar) के लिए अब तक विद्वानों की ओर से 500 शोधपत्र मिले हैं।
कुलपति ने कहा कि महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ शोधपीठ (Gorakshanath Shodhpeeth) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए पीठ के अंदर जितनी भी रिक्तियां हैं, उन्हेंं तीन महीने के अंदर पूरा किया जाएगा। शोधपीठ को लेकर जो रूपरेखा तैयार की गई है। उसके अंतर्गत नाथ पंथ के साहित्य संकलन (Literature collection ) का एक अलग पटल शोधपीठ में तैयार किया जाएगा। जहां नाथ पंथ (‘Nath Panth’) में अंग्रेजी, स्पेनिश, जर्मन, फ्रेंच, बंगाली, उडिय़ा, नेपाली, कन्नड, गुजराती, महाराष्ट्र, राजस्थानी, पंजाबी भाषाओं के एक्सपर्ट को जोड़ा जाएगा। ये एक्सपर्ट नाथ पंथ पर उपलब्ध साहित्य के अनुवाद के साथ नाथपंथ (‘Nath Panth’) पर प्रकाशित होने वाले छह अन्य शब्दकोश को और समृद्ध करने में अपना योगदान देंगे।