प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में कम हो रहे दाखिले पर बसपा ने चिंता जताई
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित स्कूलों में पिछले तीन के भीतर दाखिले में हुई गिरावट को बसपा ने गंभीरता से लिया है।
बसपा ने निजी मदरसों को अवैध बताकर बंद करने की सरकार की नीति को अनुचित बताया है और निजी मदरसों के प्रति सरकार से रवैया बदलने और शिक्षा के महत्व और जरूरत पर उचित ध्यान देने की मांग की है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर दिए गए बयान में कहा है कि…
यूपी के प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में सन् 2023-24 में 1.74 करोड़ दाखिले हुए, किन्तु 2024-25 में मात्र 1.52 करोड़ अर्थात स्कूल दाखिला में लगभग 22 लाख की गिरावट सरकारी स्कूल व्यवस्था की ऐसी बदहाल स्थिति गंभीर व चिन्तनीय है। शिक्षा के महत्व व जरूरत पर सरकार का उचित ध्यान जरूरी है। फिर भी सस्ती व सुलभ व्यवस्था के तहत मदरसों आदि की प्राइवेट व्यवस्था के विरुद्ध सरकार का रवैया सहयोग का होने के बजाय उन्हें अवैध बताकर बंद करने का होना बुनियादी शिक्षा की जरूरत को और कमजोर करने वाला गैर-जरूरी व अनुचित। निजी मदरसों के प्रति सरकार अपना रवैया बदले तो बेहतर होगा।
वैसे तो सरकारी स्कूलों के हालात देश के अधिकतर राज्यों में काफी खराब हैं, किन्तु यूपी व बिहार में यह अति-दयनीय होने से बहुजन गरीब परिवारों का बहुप्रतीक्षित विकास बाधित व इनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय। ऐसे में स्कूल शिक्षा पर ध्यान देकर इन्हें बंद करने के बजाय प्रोत्साहन जरूरी है।