अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ, उत्तर प्रदेश की शाखा जनपद न्यायालय अधीनस्थ न्यायिक कर्मियो की सेवा संबंधी गम्भीर समस्याओं की 7 मांगो को लेकर आन्दोलित हुआ। 02 अक्टूबर 2022 को अधीनस्थ न्यायालय के कर्मचारीगण द्वारा शान्तिपूर्ण अधिकार प्राप्ति पद यात्रा निकालकर जनपद न्यायालय से कलेक्ट्रेट जाकर कर्मचारियो ने अपनी गम्भीर समस्याओं का ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार 2.0 के इस कार्यकाल में न्याय विभाग मुख्यमंत्री के पास है। दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ, शाखा ललितपुर ने सचिवालय ने न्याय अनुभाग में कई वर्षों से लंबित पत्रावलियों के निस्तारण की बात मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में कही है और कहा कि न्याय विभाग के कर्मचारी अन्य संघटनो की तरह हड़ताल न करने की सजा भुगत रहे है। जिसका नतीजा है कि न्यायकर्मी शासन द्वारा उपेक्षित हो रहा है। शासन न्याय कर्मियो के साथ निरन्तर मनमानी कर रहा है। अधीनस्थ न्यायालयो में कोर्ट के हिसाब व पत्रावलियो के मानक के हिसाब से पदो का सृजन नहीं हो रहा है (जस्टिस के. एल. शर्मा की संस्तुति 1989)। जिसका खामियाजा न्यायालय कर्मचारी भुगत रहे है तथा बुरी तरह कार्य के बोझ से दबे हुये है। साथ ही माननीय शेट्टी आयोग की संस्तुतियो को आज तक लागू न करना व अपने मनमाने ढंग से निरन्तर त्रुटिपूर्ण शासनादेश जारी करना तथा शासन द्वारा अधीनस्थ न्यायालय कर्मचारियो के साथ सौतेला व्यवहार का परिचायक है। मा.शेट्टी कमीशन की रिपोर्ट द्वारा प्रत्येक न्यायालय में एक टाइपिस्ट का अतिरिक्त पद सृजित किये जाने की अनुशंसा की गई थी जो आज तक लंबित है, उक्त पद भी सृजित नहीं किया गया। विभागीय नियमावली के उलट आउटसोर्सिंग और संविदा के पदो का सृजन न्याय अनुभाग कर रहा है और ये शेट्टी आयोग की संस्तुति के भी प्रतिकूल है। न्याय अनुभाग के कर्मचारियों के वर्दी भत्ते की पत्रावली लम्बे समय से शासन में ही लंबित है। शासन के उक्त कृत्यों से कर्मचारियों में काफी रोष व्याप्त है। इसके साथ अधीनस्थ न्यायालय कर्मचारियों ने माननीय उच्च न्यायालय को प्रान्तीय संघ के माध्यम से पत्र भेजकर अपनी व्यथा से अवगत कराया है। मृतक कर्मचारियों के आश्रितो को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार सेवायोजन प्रदान करने, कर्मचारियों द्वारा भर्ती स्तर की योग्यता स्नातक करने, भर्ती स्तर ग्रेड पे 2800 (सातवां वेतनमान लेवल-5) करने, सभी जनपद में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति करने, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पदो को ग्रेड ए की प्रतिष्ठा प्रदान करने तथा अन्तर्जनपदीय स्थानातंरण प्रक्रिया आनलाइन करने, अधीनस्थ न्यायालय में कमेटी के नाम पर कर्मचारी हितो संबंधी लाभो को लम्बे समय तक रोकना यथा प्रमोशन, ए.सी.पी., स्थायीकरण, चिकित्सा प्रतिपूर्ति आदि मामलो को लंबित रखकर कर्मिको का आर्थिक शोषण रोके जाने, अधीनस्थ न्यायालय में कार्यो का मानक तय करते हुये पद सृजित करते हुये नियुक्ति करने, कनिष्ठ सहायक पदो से वरिष्ठ सहायको पदो पर पचास प्रतिशत स्थलीकरण, चौदहवें वित्त आयोग की संस्तुतियो के अन्तर्गत सृजित एफ.टी.सी. कोर्ट के संविदा कर्मियो के वार्षिक वेत वृद्धि, बीस आकस्मिक अवकाश प्रदान करने एवं न्यायालयो से आहूत होने वाली समस्त विवरणी सी.आई.एस. से जनरेट होने, न्यायालयों में होने वाली अन्य असुविधाओ सहित कुल 17 बिन्दुओं पर माननीय न्यायालय से निस्तारित करने का अनुरोध किया। आज कर्मचारियो ने मुख्यालय पर प्रदर्शन करके शासन प्रशासन के ध्यानाकर्षण का प्रयास किया है और अपनी जायज मांगो को उच्च न्यायालय व शासन के समक्ष रखा। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रान्तीय संगठन सचिव अवधेश खरे, शाखा ललितपुर के अध्यक्ष शुभम जैन, सचिव फरहान, संरक्षक महेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष अनवर व रवि श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष छोटेलाल, संगठन सचिव जितेन्द्र झां, आडिटर जितेन्द्र शर्मा, संयुक्त सचिव कल्याण सिंह, कार्यकारणी सदस्य धीरेन्द्र श्रीवास्तव, राकेश रजक, विनोद कुमार जैन, शिवम उपाध्याय, शैलेन्द्र देवलिया, महेश राठौर, धर्मेन्द्र राजपूत, शक्ति सिंह, ललित कुमार, अनिकेत कोष्टा एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शंकर सिंह, रविन्द्र नायक, गनेश कुशवाहा, मानिक, प्रकाश सेन आदि उपस्थित रहे।