चीन अपने अशांत शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुस्लिमों पर शिकंजा कसने के लिए कई तरह की पाबंदिया लगा चुका है। उन पर नजर रखने के लिए उसने कई उपाय किए हैं। अब खबर है कि सूबे के हिरासत केंद्रों में रखे गए उइगर मुस्लिमों के रक्त के नमूने जुटाए जा रहे हैं। ऐसा बड़े पैमाने पर डीएनए नमूने जुटाने के प्रयास के तहत किया जा रहा है। इस बारे में हालांकि कोई खुलकर नहीं बोल रहा, लेकिन दबी जुबान से यह बताया जा रहा है कि चीनी वैज्ञानिक डीएनए के इस्तेमाल से किसी व्यक्ति के चेहरे की छवि बनाने का तरीका खोजने का प्रयास कर रहे हैं।
उइगर मुस्लिम बहुल शिनजियांग में चीन ने बड़े पैमाने पर हिरासत केंद्र बना रखे हैं। इनमें दस लाख से ज्यादा उइगरों को रखा गया है। चीन हालांकि इन हिरासत केंद्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र करार देता है। इस प्रांत के तुंजूक शहर में बनाए गए ऐसे ही एक हिरासत केंद्र में सैकड़ों उइगरों के रक्त के नमूने लिए गए। अधिकारियों ने हालांकि नमूनों के लिए बंदियों की सहमति लेने या इनके इस्तेमाल के बारे में कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया।
पुलिस ने न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकारों को तुंजूक के बाशिंदों से बात करने से भी रोक दिया। यह पता चला है कि शिनजिंयाग में लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है। सरकार आवश्यक स्वास्थ्य जांच की आड़ में रक्त के नमूने जुटा रही है।
लेकिन विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट सरकार डीएनए नमूनों से तैयार तस्वीरों का उपयोग व्यापक निगरानी और चेहरा पहचाने की प्रणालियों में कर सकती है। इससे असंतुष्टों और प्रदर्शनकारियों की खोजबीन करने के साथ ही अपराधियों को पकड़ने में भी मदद मिलेगी।
जन सुरक्षा मंत्रालय के अधीन चल रहा शोध
चीन के जन सुरक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाली कई प्रयोगशालाओं में डीएनए से चेहरा बनाने की तकनीक पर शोध चल रहा है। इससे जुड़े दो चीनी वैज्ञानिकों को यूरोप के कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों से फंड भी मिला है। इंटरनेशनल साइंटिफिक जर्नल ने उनके अध्ययन के नतीजों को प्रकाशित भी किया है।
विशेषज्ञों को यह है चिंता
शिनजियांग में चीन जिस तरह की सख्ती कर रहा है, उसे लेकर कई विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि यह देश ऐसा टूल बना रहा है, जिसके उपयोग से नस्ली प्रोफाइल तैयार हो सकता है। इससे उइगरों के साथ और भेदभाव हो सकता है।
इस तकनीक पर अमेरिका भी कर रहा काम
डीएनए की मदद से चेहरा उकेरने की तकनीक पर अमेरिका समेत कई अन्य देशों में भी काम किया जा रहा है। इस तकनीक का विकास अभी प्रारंभिक अवस्था में है। इससे किसी संदिग्ध व्यक्ति के चेहरे का मोटे तौर पर खाका खींचा जा सकता है।