देश में प्रतिवर्ष रक्षाबंधन का दिन और 19 अगस्त को विश्व संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दिवस की समस्त प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि ” | जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम् || संस्कृत भाषा, भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों की परिचायक… विश्व की प्राचीनतम भाषा, समस्त भाषाओं की जननी, देवों एवं वेदों की भाषा संस्कृत को नमन करता हूं। विश्व संस्कृत दिवस की समस्त प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं।”
उल्लेखनीय है कि संस्कृत यह प्राचीन भाषा लगभग 5 हजार साल पहले उत्पन्न हुई थी, यह न केवल हिंदू धर्म की शास्त्रीय भाषा है, बल्कि भारतीय संस्कृति, दर्शन और वैज्ञानिक ज्ञान का खजाना भी है. यह दिन श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त में पड़ता है। यह वेदों की रचना करने वाले ऋषियों को सम्मानित करने और प्राचीन भारत के गुरुकुलों में शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत को स्वीकार करने का दिन है। संस्कृत दक्षिण एशिया की एक शास्त्रीय भाषा है जो इंडो-यूरोपीय भाषाओं की इंडो-आर्यन शाखा से संबंधित है। यह हिंदू धर्म की पवित्र भाषा, शास्त्रीय हिंदू दर्शन की भाषा और बौद्ध मत और जैन पंथ की मुख्य भाषा रही है, इसमें अनेक ऐतिहासिक ग्रंथ लिखे गए हैं ।
भारत की सांस्कृतिक विरासत में संस्कृत की स्थिति, कार्य और स्थान को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची की भाषाओं में शामिल किए जाने से पहचाना जाता है। यह वर्तमान में हिंदू और बौद्ध भजनों और मंत्रों तथा दक्षिण भारतीय शास्त्रीय संगीत में संस्कृत का व्यापक रूप से एक औपचारिक और अनुष्ठान भाषा के रूप में उपयोग की जाती हुई सहज रूप से देखी जा सकती है। संस्कृत में 50 अक्षर हैं – पहले 16 स्वर हैं और अगले 34 व्यंजन हैं।