छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के मरीज बढ़ते जा रहे है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार स्वाइन फ्लू से पिछले 15 दिनों में छह लोगों की मौत हुई है। इसे देखते हुए पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है। सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को वॉयरोलॉजी लैब्स में एन-1 एच- वायरस की जांच के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। माहभर में 60 से ज्यादा मरीज मिले हैं ।
राजधानी में स्वाइन फ्लू का पहला केस जुलाई के पहले सप्ताह में आया था। कांकेर का मरीज निजी अस्पताल में भर्ती था। उसे इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण आते ही तत्काल जांच कराएं। इलाज में देरी जानलेवा हो सकती है। बिलासपुर और राजनांदगांव में जिन मरीजों की मौत हुई है, वे काफी विलंब से अस्पताल पहुंचे थे। सरगुजा में स्वाइन फ्लू का कहर तेज हो गया है। यहां एक बुजुर्ग की मौत एच1 एन1 संक्रमण से हुआ है। स्वाइन फ्लू से सरगुजा संभाग में यह तीसरी मौत बताई जा रही है। इसके पूर्व भी कोरिया और एमसीबी में वायरस से दो लोगों की मौतें हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू से पहली मौत 9 अगस्त, 2024 को कोरिया जिले में एक महिला की हुई थी। इसके एक दिन बाद यानी 10 अगस्त को जांजगीर-चांपा जिले में स्वाइन फ्लू से मौत के मामले सामने आए थे। यहां 66 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी। छत्तीसगढ़ में पिछले एक सप्ताह में स्वाइन फ्लू के 29 मरीज पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें से 26 केवल बिलासपुर के हैं, जिनमें से 14 मरीजों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
महामारी नियंत्रक के संचालक डॉ. एस पामभोई ने कहा, सर्दी, खांसी और कफ के साथ तेज बुखार से पीड़ितों का स्वाइन फ्लू टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना काल में बने आइसोलेशन वार्डों को फिर से तैयार किया गया है। स्टोर में पर्याप्त मात्रा में टैमी फ्लू, एन-95 मास्क उपलब्ध हैं।