छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग ने आज मंगलवार को रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग के जिलों में बारिश की संभावना जताई है। इसके बाद अगले दो दिनों में राज्य के मध्य और दक्षिणी भाग में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आएगी। वहीं आज मंगलवार की सुबह से ही रायपुर और दुर्ग जिले में बादल छाए हुए हैं।
छत्तीसगढ़ में मानसून की गतिविधियां कम होने के कारण लगातार गर्मी और उमस बनी हुई है जिससे लोगों को गर्मी और उमश से परेशान होना पड़ रहा है । कई जिलों में तापमान औसत से ज्यादा है। सोमवार को को पेंड्रा 40.2 डिग्री के साथ सबसे गर्म रहा यहां दिन का तापमान सामान्य से 6 डिग्री ज्यादा रहा। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.5 डिग्री नारायणपुर में दर्ज किया गया।
प्रदेश में मानसून 8 जून को बस्तर पहुंचने के बाद पिछले 8 दिनों से सुकमा और बीजापुर में थमा हुआ है। बस्तर से रायपुर पहुंचने में मानसून को तीन से पांच दिन लगना चाहिए। लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि अभी तीन से चार दिन और समय लग सकते हैं।
इस साल केरल और छत्तीसगढ़ में मानसून के जल्द पहुंचने का फायदा रायपुर समेत मध्य छत्तीसगढ़ को नहीं मिल पाया। केरल से मानसून को बस्तर पहुंचने में 10 दिन लगते हैं। मानसून के बस्तर में एंट्री की सामान्य तारीख 10 जून है। इस साल 8 जून को ही मानसून वहां पहुंच गया। 10 जून को बीजापुर पहुंचा।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से बारिश की गतिविधियां और मानसून की सक्रियता बंगाल की खाड़ी में बनने वाले सिस्टम पर निर्भर करता है। इस साल अब तक खाड़ी में कोई मजबूत सिस्टम नहीं बन पाया है। अरब सागर की ओर से मानसून लगातार आगे बढ़ रहा है। अरब सागर और पश्चिमी भारत में मानसून सक्रिय है। कुछ पूर्वी भारत में भी मानसून सक्रिय हो चुका है। मध्य भारत, पूर्वी, दक्षिण-पूर्वी हिस्से तथा छत्तीसगढ़ के मध्य और उत्तरी हिस्से में अब तक मानसून पहुंच जाना चाहिए था।
मौसम विज्ञान की भाषा में बारिश के सामान्य से आधा या उससे ज्यादा की कमी कमजोर मानसून की निशानी है। मौसम विज्ञानी डॉ. गायत्री वाणी कांचिभ के अनुसार अगले कुछ दिनों में मानसूनी गतिविधियां सक्रिय होने से छत्तीसगढ़ में बारिश होगी।