लोक आस्था के महापर्व छठ में शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ संपन्न हुआ।छठ संपन्न होने के बाद घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने छठव्रतियों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।वहीं छठव्रतियों ने भी पुरुषों के माथे पर टीका लगाकर आशीर्वाद दिया। सुहागिन महिलाओं को उनके सुहाग की रक्षा को लेकर नाक से मांग तक सिंदूर लगाकर सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद दिया।
छठव्रतियों ने अपने खोईचा में रखे छठ का प्रसाद भी श्रद्धालुओं को दिया।घाट पर छठव्रतियों के पैर छूने की श्रद्धालुओं में होड मची रही।सुहागिन महिलाओं के नाक से मांग तक सिंदूर की सजावट चेहरे पर अलग ही शमां बांध रही थी।ऊंच नीच अगड़ा पिछड़ा का कोई बंधन नहीं था।सामाजिक समरसता की अनूठी मिसाल घाट पर देखने को मिली। जाति,अगड़ा पिछड़ा,अमीर गरीब की दूरियां छठ पर घाट में मिटती दिखाई पड़ी।लोग एक दूसरे को गले मिलकर बधाई देते हुए भगवान भास्कर की पूजा अर्चना में तल्लीन रहे।