एहसास-ए-अरबईन | बक्शी का तालाब से सफर-ए-इश्क के अज़ादार पदयात्रा करके कर्बला ताल कटोरा पहुचें

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लखनऊ : 20 अक्टूबर | Saleha Rizvi | सफर-ए-इश्क में बड़ी संख्या में अज़ादारों ने शिरकत की |। 20 सफर को दुनिया भर से लोग चेहल्लुम करने इराक के शहर कर्बला पहुंचते हैं।

यह सफर नजफ से शुरू होता है जो कर्बला पहुंचकर पूरा होता है। इस बीच अजादार 80 किमी पैदल चलकर अपनी मंजिल पर पहुंचते हैं। इसी तर्ज पर राजधानी में भी अरबईन वॉक का आयोजन हुआ, बक्शी का तालाब स्थित कर्बला-ए-अब्बासिया से एहसास-ए-अरबईन वॉक निकाली गई, जो सुबह नौ बजे शुरू हुवी। पिछले साल की इस साल भी अरबईन वॉक अपने निर्धारित मार्ग से होती हुई कर्बला तालकटोरा पहुंची ।

….चेहलुम के अवसर पर पदयात्रा सिर्फ कर्बला नहीं लखनऊ में भी आम हो रही है | लखनऊ से 30 किलो मीटर दूर बक्शी का तालाब से पिछले साल से जव्वार ए हुसैन अस पैदल यात्रा करके कर्बला तालकटोरा तक पहुंचते है |

आपको बताते चले कि बक्शी का तालाब और कर्बला तालकटोरा के बीच 30 किलोमीटर का रास्ता अज़ादार कुछ घंटों में तय करके कर्बला तालकटोरा में नौहा ख़्वानी व सीना ज़नी करते है | अरबईन वॉक में सिर्फ मर्द ही नहीं वरन हर उम्र के लोग ख़्वातीन व बच्चे शामिल होते है | बक्शी का तालाब से पैदल सफ़ऱ करके आना मौला हुसैन अस से अक़ीदत व मोहब्बत के जज़्बे की मिसाल पेश करता है |

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