अवधनामा संवाददाता
होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड कार्यक्रम से बच्चों की सेहत का रखा जाएगा ख्याल
ललितपुर। जिला चिकित्सालय के सभागार में होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड (एचबीवाईसी) कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रशिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. जे.एस.बक्शी ने बताया कि नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस-2020) के अनुसार उत्तर प्रदेश की बाल मृत्यु दर 43, शिशु मृत्यु दर 38 है एवं प्रति एक हजार जीवित जन्म पर नवजात शिशु मृत्यु दर 28 है। एचबीवाईसी कार्यक्रम के माध्यम से तीन से 15 माह तक के शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल आशाओं के द्वारा की जाएगी। कम्यूनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डा.सौरभ सक्सेना ने प्रमाण पत्र वितरित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से प्रसवोपरान्त माँ एवं नवजात शिशु की देखभाल के लिए होम बेस्ड न्यूबार्न केयर (एचबीएनसी) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत आशा द्वारा 42 दिन तक 6-7 बार गृह भ्रमण कर नवजात शिशुओं एवं धात्री माताओं के स्वास्थ्य की घरेलू देखभाल कर स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है। गृह भ्रमण के इस कार्यक्रम को विस्तार देते हुए बाल्यकाल में होने वाली मृत्युओं, बीमारियों (जैसे- निमोनिया, डायरिया इत्यादि) एवं कुपोषण से बचाव करते हुए उनका शारीरिक, सामाजिक एवं संज्ञानात्मक विकास सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बच्चों के टीकाकरण पर बल दिया। डीसीपीएम गणेश ने बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वास्थ्य एवं पोषण व्यवहारों को बढ़ावा देने के लिए शिशुओं की आयु 3, 6, 9, 12 एवं 15 माह की होने पर आशा द्वारा अतिरिक्त गृह भ्रमण किया जाएगा। अब ब्लॉक पर इस तरह का प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एमओआईसी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एमओआईसी, ब्लॉक बीसीपीएम, एनजीओ ट्रेनर आदि उपस्थित रहे।