आठ साल से आंगनबाड़ी केंद्र पर लटक रहा ताला, बच्चों का छिना निवाला

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अवधनामा संवाददाता(शकील अहमद)

जिम्मेदार मौन, कागजी आंकड़ों में थपथपा रहे पीठ, केंद्रों का नही करते कभी निरीक्षण

कई केंद्रों पर नहीं पहुंच रही कार्यकत्रीय, भगवान भरोसे केंद्र

कुशीनगर। जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति भगवान भरोशे है। यहां जिम्मेदारों की लापरवाही से केंद्र पर ताले लटक रहे है। उधर सरकार बच्चों को कुपोषण मुक्त एवं शिक्षित करने के लिए हर वर्ष लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन यह सिर्फ कागजी आंकड़ों में ही सिमट कर रह गया है। यहां बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला विकास खंड मोतीचक के गांव भुड़ाडीह टोला चिउरापाली का है। यहां आठ साल से आंगनबाड़ी केंद्र पर ताला लटक रहा है। केंद्र पर न तो कभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रीय ही जाति है और ना ही बच्चे पहुंच पाते है। इन नौनिहालों से इन लोगों का कोई सरोकार नहीं है। उधर विभाग के जिम्मेदार कागजी आंकड़ों को उपर दिखा अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त हैं।

बता दें कि विकास खंड मोतीचक के गांव भुड़ाडीह टोला चिउरापली में वर्ष 2014 में आंगनबाड़ी केंद्र बनकर तैयार हुआ। उक्त गांव के ग्राम प्रधान संतोष सिंह ने बताया कि जब से आंगनबाड़ी केंद्र बनकर तैयार हुआ तभी से ताला लटक रहा है। करीब आठ साल हो गए है अभी तक उक्त केंद्र का ताला नहीं खुला है न ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रीय व सहायिका ही पहुंचती है। नौनिहालों का सारा सामग्री इन लोगों के द्वारा गोलमाल कर दिया जा रहा है। बच्चों में आज तक पुष्टाहार वितरण नही किया गया है। गांव के राजेश पांडेय, सुरेंद्र साहनी, रवि शर्मा, राजू प्रसाद, दीपक प्रसाद सहित तमाम ग्रामीण व लाभार्थियों में आक्रोश व्याप्त है। इन लोगों का कहना है कि आठ साल से यह केंद्र बंद चल रहा है, इसकी शिकायत कई बार किया जा चुका है, लेकिन किसी जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी सुधि नहीं ली है जिससे नौनिहालों का निवाला छीन गया है। इस संबंध में प्रभारी सीडीपीओ मोतीचक का कहना है कि सुपरवाइजर के माध्यम से इस मामले को पता करवा रहा हूं।

हाटा क्षेत्र के तुर्कवलिया दरियाव में कभी कभार खुलता है केंद्र

समय–समय पर पुष्टाहार न मिलने से कुपोषण के शिकार हो सकते है बच्चे

हाटा, कुशीनगर। हाटा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत तुर्कावलिया दरियाव सिंह में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का हैं, जहा आंगनबाड़ी केन्द्र कभी कभार खुलता हैं जिसके चलते यहां आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे नहीं पढ़ पाते है। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते बच्चों को पुष्टाहार भी नहीं मिल पा रहा। इससे वह कुपोषण के शिकार भी हो रहे हैं। यह आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ कागजों में चल रहा हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि आए दिन आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहता हैं। वही प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों का कहना हैं कि हमारे विद्यालय परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र कभी कभार खुलता हैं और आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुलने से हम लोगों को काफी दिक्कत झेलना पड़ता। छोटे-छोटे बच्चों का दाखिला आंगनबाड़ी केन्द्र में हुआ हैं। और वे बच्चें केन्द्र पर आते उनको हम लोगों को देखना पड़ता अभिभावक उनको घर से विद्यालय में भेज देते है। तुर्कवालिया दरियाव सिंह में संचालित यह केंद्र धरातल पर नहीं सिर्फ कागज़ी आंकड़ों में चलता है। इस मनमानी से गांव के लोग अजीज आ गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मेरे गांव का आंगनबाड़ी केंद्र कभी-कभी खुलता है। और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका कभी कभार आती हैं जब कोई अधिकारी के आने की सुचना उन लोगों को मिल जाता उस दिन केवल केन्द्र पर ये लोग दिखाई देते और कोरमपूर्ती कर चले जाते है।

इस संबंध में सीडीपीओ हाटा प्रत्युष चंद्रा ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रीय द्वारा केंद्र न खोलना गंभीर विषय है। मामले की जानकारी करा रहा हूं, अगर इस तरह का मामला स्पष्ट हो जाएगा तो संबंधित आंगनबाड़ी के खिलाफ कार्यवाई की जायेगी।

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