अवधनामा संवाददाता
सहारनपुर। (Saharanpur) भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को शाहिन बाग न समझें और जब तक नये कृषि कानून वापिस नही होते तथा एमएसपी पर सरकार गारंटी नहीं देती, तब तक किसान आंदोलन यथावत् जारी रहेगा, क्योंकि आज देश में अघोषित कफ्र्यू जैसे हालात बने है और भाजपा नेता स्वयं को भी कैद में महसूस कर रहे है।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै.राकेश टिकैत आज यहां शहीद भगत सिंह के भाई कुलतार सिंह के पुत्र स.किरण जीत सिंह सिन्धू की पुत्री के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि आज देश में बहुत बड़ा संकट उत्पन्न हो रहा है और केन्द्र की सरकार को भाजपा नहीं, बल्कि कम्पनी चला रही है, ऐसे में पूरे देश में अघोषित कफ्र्यू जैसे हालात बने हुए है और भाजपा नेता भी अपने को कैद में महसूस कर रहे है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आज सरकार चल रही है, उससे हर वर्ग त्रस्त है। विशेषकर किसान पूरी तरह व्यथित है। उन्होंने कहा कि पिछले 131 दिनों से दिल्ली में किसान आंदोलनरत है, लेकिन सरकार उनकी मनोदशा को समझने का काम नहीं कर रही है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार किसान आंदोलन किसी रूप से शाहिन बाग न समझें, क्योंकि किसान अपनी मांग पूरी होने तक वहां से हटने वाले नहीं है और यह आंदोलन नवम्बर, दिसम्बर तक चलेगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि राजस्थान के अलवर में हुए हमले का क्या कारण रहा है, यह उन्हें भी ज्ञात नहीं है और हमला क्यों किया गया, इसकी जांच चल रही है। राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रियवंदा तोमर द्वारा अपने पद से त्याग पत्र देकर भाजपा छोड़ने के सवाल पर कहा कि आज ऐसे कई लोग बहुत तैयार बैठे है, जो भाजपा की कार्यशैली से पूरी तरह त्रस्त है, क्योंकि सरकार पूरी तरह तानाशाही पर उतर आयी है। आज पूंजीपतियों के हाथों में देश को बेचने का काम किया जा रहा है। सरकार की बजाए कम्पनी ही देश को चलाने का काम कर रही है, ऐसे में देश को बेचने से बचाने के लिए हम सभी को जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कानून लागू करने से पहले ही गोदाम बना दिये है, ऐसे में कानून का क्या औचित्य है। इसीलिए किसान आंदोलन कर रहा है। उन्होंने कहा कि किसी रूप से किसान आंदोलन मांगे पूरी होने तक समाप्त नहीं किया जायेगा। कोरोना के बढ़ते प्रकोप पर कहा कि कोरोना कितना ही बढ़ जाये, लेकिन सरकार के आगे किसान झुकने वाले नही है और सरकार न ही किसान आंदोलन को शाहिन बाग समझें, जब तक नये कृषि कानून वापिस नहीं होते, एमएसपी पर सरकार गारंटी नहीं देती, विद्युत नियामक में हुए बदलाव को वापिस नहीं लिया जाता, तब तक उनका यह आंदोलन इसी प्रकार जारी रहेगा। उन लोगों ने अपने घर भी बना लिये है और वह उसी में ही रहेंगे, लेकिन आंदोलन की समाप्ति कानून वापिसी के साथ ही होगी। इस दौरान किरनजीत सिंह सिन्धू, भाकियू के महानगर अध्यक्ष मुकेश तोमर, चैधरी अशोक कुमार, मेवराम आदि लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहे।