कागजों में सिमट कर रह गया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर राइस

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अवधनामा संवाददाता

डीजे उपकार ने मांगी प्रगति रिपोर्ट
मिल्कीपुर – अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज में धान पर अनुसंधान हेतु स्थापित सेंटर आफ एक्सीलेंस को शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए 2 करोड़ 23 लाख 33 हजार रुपए के सापेक्ष वित्तीय वर्ष वार व्यय किए गए धनराशि का व्यौरा उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक संजय सिंह द्वारा विश्वविद्यालय के मुख्य अन्वेषक सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर राइस डॉ ए के सिंह से मांग लिया गया है। डीजी उपकार संजय सिंह ने विश्वविद्यालय के मुख्य अन्वेषक को प्रेषित किए गए पत्र में अद्यतन धान की कितनी लाइंस तैयार की गई है और वर्तमान में उनका क्या स्टेटस है, उन्नतशील प्रजातियों को विकसित करने में कौन-कौन से पोषक तत्व इंटीग्रेट किए गए हैं, शोध कार्य हेतु नियुक्त किए गए 10 मानदेय कार्मिकों का विवरण, मॉली कूलर लैब की स्थापना एवं उपकरणों के क्रय में क्या कार्यवाही की गई है सहित प्रयोगशालाओं के जीर्णोद्धार का विवरण भी मांगा है। हालांकि मुख्य अन्वेषक डॉ ए के सिंह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर राइस द्वारा बीते 17 अगस्त को महानिदेशक उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद लखनऊ से आधी अधूरी सूचना भेजी गई है जिस के क्रम में आज 2 सितंबर को पुनः महानिदेशक द्वारा एक पत्र भेजकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। मुख्य अन्वेषक डॉक्टर ए के सिंह द्वारा प्रेषित की गई रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2018 -2019 मे प्राप्त 100 लाख के सापेक्ष 53 लाख 50 हजार9 सौ 60 रुपए तथा वित्तीय वर्ष 2019 – 2020 में प्राप्त 50 लाख रुपए के सापेक्ष 48 लाख 70 हजार 3 सौ 86 रुपए और वित्तीय वर्ष 2020 – 2021 में प्राप्त 25 लाख रुपए के सापेक्ष 24 लाख 99 हजार 9 सौ 80 रुपए व्यय शेष बचे 20 रुपए कोषागार अयोध्या में जमा करा देना, वित्तीय वर्ष 2021- 2022 में प्राप्त 25 लाख रुपए के सापेक्ष 24 लाख 99 हजार 9 सौ 95 रुपए व्यय, शेष 5 रुपए कोषागार अयोध्या में जमा कराने सहित वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्राप्त 33 लाख 33 हजार रुपए के सापेक्ष अब तक 5 लाखों रुपए में किए जाने एवं शेष धनराशि के मौजूद होने की रिपोर्ट प्रेषित की गई है। मुख्य अन्वेषक डॉ ए के सिंह द्वारा भौतिक प्रगति से भी बिंदुवार अवगत कराया गया है, जिसमें मौलिक कूलर लेबोरेटरी की स्थापना एवं आवश्यक उपकरणों का क्रय प्रस्ताव के अनुसार किया जाना,  तालाब का जीर्णोद्धार एवं 7.5 हॉर्स पावर के पंप हाउस की स्थापना, प्रयोगशालाओं का जीर्णोद्धार शोध हेतु केमिकल एवं ग्लासवेयर का क्रय एवं शोध कार्य हेतु 10 मानदेय कार्मिकों की नियुक्ति की गई एवं सीजनल मजदूरों का व्यय भार सम्मिलित है। फिलहाल मुख्य अन्वेषक द्वारा प्रेषित की गई उक्त रिपोर्ट से संतुष्ट ना होने की दशा में महानिदेशक उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद संजय सिंह द्वारा इससे इतर अन्य पांच बिंदुओं पर भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।  कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित उक्त एक्सीलेंस सेंटर का जायजा लिया गया जहां प्रयोगशाला सहित अन्य कार्य केवल कागजों तक ही सिमटे मिले हैं। यहां तक की पुरानी प्रयोगशाला कूड़े कचरे एवं गंदगी से पटी पड़ी है जिसके जीर्णोद्धार की रिपोर्ट महज औपचारिकता निभाई जानी प्रदर्शित हुई है।
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