नई दिल्ली: निसान मोटर कंपनी लिमिटेड को एक बार फिर कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में सराहना मिली है। निसान की नेतृत्वकारी पहल के लिए वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले एनजीओ सीडीपी ने सराहना की है। लगातार पांचवें साल वाटर सिक्योरिटी (जल सुरक्षा) की दिशा में निसान के प्रयासों को सीडीपी की प्रतिष्ठित ‘ए’ लिस्ट में जगह मिली है। क्लाइमेट चेंज(जलवायु परिवर्तन) की दिशा में भी निसान के प्रयासों को ‘ए’ लिस्टिंग मिली है। इस श्रेणी में निसान लगातार 11 साल से नेतृत्वकारी स्थिति में है।
कॉरपोरेट्स के स्तर पर पर्यावरण संबंधी पहल में पारदर्शिता के लिए सीडीपी के वार्षिक एनवायरमेंटल डिसक्लोजर एवं स्कोरिंग प्रोसेस को वैश्विक स्तर पर गोल्ड स्टैंडर्ड के रूप में स्वीकार किया जाता है। सीडीपी ने निम्नलिखित कदमों के लिए निसान की सराहना की है:
संभावित खतरों से निपटने के लिए कदम उठाने समेत जलवायु परिवर्तन एवं जल सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों के लिए ग्लोबल एनवायरमेंटल मैनेजमेंट कमेटी एवं क्षेत्रीय कमेटियों का व्यापक प्रबंधन।
क्लाइमेट चेंज इंडेक्स पर आधारित एक्जीक्यूटिव कम्पंसेशन सिस्टम।
परिचालन एवं निसान के प्रोडक्ट्स की लाइफसाइकिल के लिए 2050 तक तय कार्बन न्यूट्रलिटी के लक्ष्य का प्रमोशन।
यूके के संडरलैंड में निसान के कारखाने में दुनिया का पहला ईवी मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम ईवी36जीरो लॉन्च करना।
विज्ञान आधारित लक्ष्य से जुड़ी पहल के अनुरूप कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कम करने का लक्ष्य।
दुनियाभर में अपनी प्रोडक्शन साइट्स पर वाटर रिस्क असेसमेंट की व्यवस्था।
वेस्टवाटर की रीसाइकलिंग एवं पानी की कमी वाले हाई रिस्क क्षेत्रों में स्थापित अपने संयंत्रों में वर्षा जल का प्रभावी प्रयोग करते हुए पानी की खपत को कम करना।
नियमों के अनुरूप ड्रेनेज वाटर मैनेजमेंट के मानक स्थापित करना और सुरक्षित वाटर क्वालिटी कंट्रोल की व्यवस्था करना।
निसान के सीईओ मकोतो उचिदा ने कहा, ‘हर व्यक्ति के जीवन को समृद्ध करने के लिए इनोवेशन का प्रयोग करने के कॉरपोरेट लक्ष्य के अनुरूप हम अपने कारोबार में सस्टेनेबिलिटी को केंद्र में रखते हैं। हमें एक बार फिर वाटर सिक्योरिटी और क्लाइमेट चेंज की कैटेगरी में सीडीपी से ‘ए’ लिस्टिंग पाने का गर्व है। सभी संबंधित पक्षों की उम्मीदों को पूरा करने की प्रतिबद्धता के साथ निसान भविष्य में भी ज्यादा स्वच्छ, सुरक्षित एवं समावेशी विश्व बनाने के लिए सस्टेनेबिलिटी से जुड़ी अपनी पहल को जारी रखेगी।’