अवधनामा संवाददाता
जाखलौन (ललितपुर)। जाखलौन ललितपुर योगी सरकार अवैध अतिक्रमण और अवैध कब्जों को लेकर बेहद संजीदा है। परंतु कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में दबंग आज भी अतिक्रमण करने से नहीं हिचकिचाते है। कस्बा जाखलौन में अतिक्रमण एक व्यवसाय का रूप धारण कर चुका है। कस्बे के रेलवे स्टेशन के आसपास की ग्राम सभा की भूमि को कुछ भूमाफिया द्वारा अवैध रूप से बिक्री कर दी गई है। स्टेशन स्टेशन रोड पर बड़ी तेजी से ग्राम सभा की भूमि को कब्जा कर अवैध निर्माण कर दिए गए हैं। कई बार नापतोल हुई परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई इसी तरह कस्बे में बुंदेलखंड इंटर कॉलेज के नजदीक स्थित नाले पर अवैध कब्जा कर पक्की दुकानों का निर्माण कार्य कुछ वर्ष पूर्व किया गया था, जिसका स्थानीय पत्रकारों ने विरोध किया राजस्व विभाग ने तत्काल प्रभावशाली कार्यवाही कर इन दुकानों को हटाने के निर्देश जारी कर दिए थे, परंतु कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। दुकानों के निर्माण से नाले का पानी का आवागमन अवरुद्ध हो गया है। इसके चलते घरों और सरकारी अस्पताल परिसर में पानी भर जाता है। इसके चलते लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अवैध कब्जों का यह गैंग कस्बे में कई स्थानों पर तरह-तरह के कृत्रिम विवाद उत्पन्न करवाकर गरीब लोगों को परेशान कर उनका उत्पीडऩ करता रहता है। इस गैंग में अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को शामिल कर उनके अधिकारों का दुरुपयोग किया जाता है। बताते चलें कि कस्बे के 1 डिग्री कॉलेज में आदिवासी सहरिया की भूमि पर किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति के नाम रजिस्ट्री करवा कर अवैध कब्जा कर लिया गया है। इस गैंग का मुखिया खुद को राजस्व का विशेषज्ञ बताता है लोगों का तो यहां तक आरोप है कि जो खसरा खतौनी नक्शा राजस्व विभाग में उपलब्ध नहीं है। वह इस व्यक्ति के पास पाया जाता है उसी के आधार पर यह गैंग पूरे कस्बे में आतंक मचाए हुए हैं जिनके उत्पीडऩ के शिकार लोग या तो इनकी अवैध धनराशि की मांग को पूरा करते हैं अथवा इनके द्वारा फैलाए हुए फर्जी कार्यवाही यों के मकडज़ाल में फंसकर कई कई वर्षों तक आर्थिक और मानसिक रूप से उत्पीडऩ का शिकार बनते रहते हैं। कस्बे के वरिष्ठ पत्रकार शिखर चंद जैन ने जिलाधिकारी मुख्यमंत्री तथा उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र प्रेषित कर बुंदेलखंड इंटर कॉलेज के नजदीक स्थित अवैध अतिक्रमण कर बनाई गई दुकानों को हटवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि प्रशासन ने गंभीरतापूर्वक इस अतिक्रमण पर रोक नहीं लगाई तो उसे विवश होकर आमरण अनशन जैसे कदम उठाने पड़ेंगे। बताते चलें कि यह पत्रकार 70 वर्ष से अधिक उम्र के और हृदय रोग का बड़ा ऑपरेशन करवा कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। नाले पर अतिक्रमण के चलते उनकी दुकानों में पानी भर जाता है। इसके चलते उनकी अजीब का प्रभावित हो रही है। उन्होंने तत्काल अवैध अतिक्रमण हटाने और जांच करवाने की मांग की है।