बलूचिस्तान में बढ़ते जबरन गायब किए जाने के मामलों पर मानवाधिकार संस्था ने पाकिस्तान सरकार की आलोचना की है। बलूच नेशनल मूवमेंट के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने सात और बलूचों को जबरन गायब कर दिया है। पीड़ितों को बिना कानूनी प्रक्रिया के उठाया जाता है जिससे उनके परिवार अनजान रहते हैं।
बलूचिस्तान में जबरन गायब किए जाने की बढ़ती प्रवृत्ति को लेकर मानवाधिकार संस्था ने पाकिस्तान सरकार की आलोचना की है और इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया। बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार विभाग ने कहा कि बलूचिस्तान से पाकिस्तानी सेना द्वारा सात और बलूचों को जबरन गायब कर दिया गया है।
पीड़ितों को अक्सर बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के उठाकर ले जाया जाता है। स्वजनों को उनकी कोई जानकारी नहीं दी जाती। संस्था ने कहा कि रविवार को मस्तुंग के किल्ली शेखान इलाके से वकास बलूच को जबरन हिरासत में लिया गया।
पाकिस्तानी सेना पर लगे लोगों को गायब करने के आरोप
18 मई को ग्वादर के नवीद बलूच को और मस्तुंग से अत्ता उल्ला बलूच को उठाकर ले गए। इससे पहले 16 मई को पाकिस्तानी अधिकारियों ने शाह नवाज बलूच को उनके पिता के साथ सैन्य शिविर में बुलाया। पिता को वापस भेज दिया, लेकिन नवाज को हिरासत में ले लिया गया। तब से वह गायब है। अन्य घटना में 17 मई को नसीराबाद निवासी अमीन उल्ला बलूच को सुरक्षा बल उठाकर ले गए। उसी दिन नसीराबाद से गायब 13 वर्षीय फियाज अली का कहीं पता नहीं चला।
जबरन गायब किए जाने के विरोध में मार्च निकाला
सिंधियन नेशनल कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण और लोगों को जबरन गायब किए जाने के विरोध में हैदराबाद में मार्च का आयोजन किया। कराची, लरकाना, बदीन, सुक्कुर, खैरपुर, नवाबशाह, दादू, उमरकोट, थारपारकर आदि सहित पूरे सिंध से हजारों लोग एकत्रित हुए थे। किसानों, वकीलों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं, महिलाओं और बच्चों ने एकजुटता के साथ मार्च निकाला।