अवधनामा संवाददाता
घायल व्यक्ति बेहोशी की हालत में जिंदगी और मौत से लड़ रहा जंग
गोण्डा। सूबे के जनपद गोण्डा के नगर कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत सद्भावना पुलिस चौकी क्षेत्र के पूरे शिवा बख्तावर जैजैराम पुरवा में आठ जून को दबंगों के हमले से घायल अनूप तिवारी को तत्काल गोण्डा से लखनऊ रेफर किया गया,वहां से सिर का आपरेशन करके 18 दिन भर्ती रखने के बाद बेहोशी हालत में ही डिस्चार्ज करके गोण्डा जिला अस्पताल में भर्ती करने की सलाह देते हुए जबरदस्ती ये कहकर गोण्डा भेज दिया गया कि इनकी स्थिति नाजुक हैं और इन्हें होश आने में कई महीने भी लग सकता है। इसलिए हम इन्हें इतने दिनों तक नहीं रख सकते हैं। चोट के 22 दिन बीतने पर भी खबर लिखे जाने तक घायल अनूप तिवारी को होश नहीं आया है। जबकि दबंग खुलेआम घूमते हुए घायल के परिवार को आते जाते हंसी उड़ाते हुए चिढ़ा रहे हैं। इसके बावजूद नगर कोतवाली पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी वाली धारा नहीं लगी है। इसलिए आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। जबकि गंभीर रूप से घायल युवक को लखनऊ मेडिकल कॉलेज से लेकर गोण्डा जिला अस्पताल के सभी डाक्टर हालत नाजुक बता रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक बीते आठ जून की शाम को रास्ते के विवाद में ग्राम जैजैराम पुरवा में दबंगों ने अनूप तिवारी और उनके परिवार पर जानलेवा हमला किया। हमले में जहां अनूप तिवारी मौके पर ही बेहोश हो गये वहीं परिवार के सदस्यों को भी चोटें आई। अनूप तिवारी को तत्काल लखनऊ मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। जहां पर डाक्टरों ने उन्हें 18 दिन भर्ती रखकर इलाज किया। इस दौरान इनके सिर की हड्डी का आपरेशन भी हुआ परन्तु होश में नहीं ला सके और अंत में थक-हार कर बेहोशी अवस्था में ही जिला अस्पताल में भर्ती करने की सलाह देकर इस दबाव के साथ डिस्चार्ज कर दिया कि इन्हें होश आने में कई महीने लग सकते हैं और इतने दिनों तक हम इन्हें यहां नहीं रख सकते हैं। 26 जून की रात जिला अस्पताल गोण्डा में भर्ती कराया। जहां डाक्टरों ने अनूप के लड़के से यह लिखवा लिया कि वह अपनी जिम्मेदारी पर अस्पताल में भर्ती कराए हैं,अस्पताल की कोई जिम्मेदारी नहीं है। पूरे मामले में पुलिस की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है। बताया जाता है कि सर्वप्रथम तो दरोगा राजेन्द्र कनौजिया ने पीड़ित की तहरीर बदलवा दिया और फिर मामूली धारा 323,504,506 में मुकदमा दर्ज कर लिया। ऐसा तब है जबकि दरोगा राजेन्द्र कनौजिया के सामने ही बेहोशी अवस्था में लखनऊ के लिए 108 एम्बुलेंस से ले जाया गया था। चौकी प्रभारी राजेन्द्र कनौजिया और नगर कोतवाल राकेश कुमार सिंह शुरू से ही इस मामले में कन्फ्यूज नजर आए। धाराएं बढ़ाने के नाम पर लगातार मेडिकल कॉलेज ट्रामा सेन्टर की रिपोर्ट का इन्तजार करने की बात करते रहे। जबकि गोण्डा जिला अस्पताल में हुई डाक्टरी में हेड इन्जरी और सिर में 5 सेमी से अधिक घाव प्रदर्शित हो रहा था। इस प्रकार 20 दिन तक लखनऊ से रिपोर्ट आने की बात कह कर टालते रहे और घायल के लड़कों द्वारा दिखाई जाने वाली लखनऊ की रिपोर्ट जिसमें सिर की हड्डी टूटी हुई और हेड इन्जरी प्रदर्शित हो रही है। जिसे देखकर भी यह कहकर टालते रहे कि हम मेडिकल कॉलेज की मोहर लगी रिपोर्ट ही मानेंगे और वह रिपोर्ट डिस्चार्ज के बाद ही मिलेगी। जबकि विधि विशेषज्ञों का कहना है कि सिर में 5 सेमी घाव होने पर तुरंत धारा 308 लग जानी चाहिए। अंत तक दरोगा व नगर कोतवाल का कन्फ्यूजन बरकरार रहा और 18-20 दिन बाद 26 या 27 जून को उन्होंने घायल के लड़के के ही रिपोर्ट पर धारा 325 और 308 बढ़ा दिया,जिसकी सूचना घायल के परिजनों को 28 जून को दी गई। अब गिरफ्तारी के सवाल पर पुलिस का कहना है कि धारा 308 में गिरफ्तारी नहीं हो सकती है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि ऐसी स्थिति में धारा 307 जान से मारने का प्रयास क्यों नहीं लगाईं गई। इस संबंध में नगर कोतवाल राकेश कुमार सिंह का कहना है कि डॉक्टरी में धारा 307 नहीं बन रही है। जबकि डॉ. वी. के. गुप्ता वरिष्ठ सर्जन ने बताया कि स्थिति नाजुक हैं कुछ कहा नहीं जा सकता है। लखनऊ से लेकर गोण्डा तक के डाक्टर जहां स्थित बेहद नाज़ुक बता रहे हैं। जबकि नगर कोतवाल सिंह व चौकी प्रभारी राजेंद्र कनौजिया को ये जानलेवा हमला नजर ही नहीं आ रहा है।लोगों की मानें तो मंगलवार को नगर कोतवाल राकेश सिंह कुछ पुलिसकर्मियों के साथ घायल अधिवक्ता पर हमला करने वाले साजन से मिलने जिला अस्पताल गए भी थे परन्तु उसी वार्ड में बगल में ही घायल व्यक्ति जिन्दगी मौत से लड रहे अनूप तिवारी के परिवार से झूठा भी हाल नहीं पूछा। बताया जाता है कि घायल अनूप तिवारी का दाहिना अंग बिल्कुल काम नहीं कर रहा है। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि यदि अनूप तिवारी को कुछ हो जाता है तो नगर कोतवाल राकेश सिंह आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे या फिर ईमानदार व तेजतर्रार कहलाने वाले एसपी आकाश तोमर के साख पर बट्टा लगाते रहेंगे।