विंध्याचल में कार्बन कैप्चर प्लांट की स्थापना होगी इस वर्ष

0
111

अवधनामा संवाददाता

उत्सर्जित कार्बन को उपयोगी मेथेनाल में किया जाएगा परिवर्तित
पर्यावरण संरक्षण के साथ होगा बायोगैस का उपयोग
विंध्याचल के कार्यकारी निदेशक ई. सत्यफनी कुमार रूबरू हुये मीडिया प्रतिनिधियों से

सोनभद्र/विंध्यनगर: एनटीपीसी की सर्वाधिक विद्युत उत्पादन क्षमता वाली विंध्याचल परियोजना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और कदम उठाते हुये इस वर्ष कार्बन कैप्चर प्लांट की स्थापना कर रहा है। कार्बन कैप्चर प्लांट संभवतः देश का पहला ऐसा संयंत्र होगा जो किसी विद्युत संयंत्र में स्थापित होकर विद्युत संयंत्र से निकलने वाली हानिकारक कार्बन डाइ आक्साइड को शोषित कर उपयोगी मेथेनाल के रूप मे परिवर्तित करेगा, जिसका उपयोग संयंत्र के ब्वाइलर संचालन में किया जाएगा । यह बातें विंध्याचल के कार्यकारी निदेशक ई. सत्यफनी कुमार ने कही। कुमार आज उमंग भवन में क्षेत्रीय मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे। कार्यकारी निदेशक ने बताया कि विंध्याचल परियोजना विद्युत उत्पादन के साथ-साथ ग्रामीण विकास, विस्थापितों के कल्याण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पित है । कार्यकारी निदेशक ने बताया कि विंध्याचल परियोजना 89% पीएलफ के साथ विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता बनाए हुये है, उन्होने बताया कि परियोजना एवं आस-पास के क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के लिए विंध्याचल परियोजना द्वारा सघन पौधरोपण कार्यक्रम, वन विकास निगम एवं जिला प्रशासन तथा स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से किया जाता है। उन्होने बताया कि विंध्याचल परियोजना 26 लाख से अधिक पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। सयंत्र से निकलने वाली राख (फ्लाई-ऐश) के शत-प्रतिशत उपयोग को बड़ी चुनौती बताते हुये कार्यकारी निदेशक ने कहा कि विंध्याचल परियोजना के संयंत्र से निकलने वाली फ्लाई-ऐश के शत प्रतिशत उपयोग के लिए प्रबंधन कटिबद्ध है । उन्होने कहा कि वर्ष 2026 तक फ्लाई ऐश का शत प्रतिशत उपयोग कर लिया जाएगा। कार्यकारी निदेशक ने यह भी बताया कि फ्लाई ऐश के उपयोग के लिए विंध्याचल परियोजना ऐश ब्रिक्स संयंत्र की भी स्थापना कर रहा है इस संयंत्र से बनने वाली ब्रिक्स का उपयोग प्रयोगिक तौर पर परियोजना एवं आवासीय परिसर में किया जाएगा और इसकी सफलता के बाद इसका बड़े स्तर पर निर्माण कर उपयोग करने की योजना है। ग्रामीण विकास एवं परियोजना के आस पास के विस्थापितों के कल्याण के लिए चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुये कार्यकारी निदेशक ने उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि विंध्याचल परियोजना विस्थापितों के कल्याण एवं ग्रामीण विकास के लिए कृत संकल्पित है जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने एवं उन्हे हुनरमंद बनाने के लिए नैगम सामाजिक दायित्व के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हो रहा है और उन्हे इसका सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है। यह पुछे जाने पर कि आने वाली गर्मी एवं मानसून के लिए विंध्याचल परियोजना में कोयले की उपलब्धता कितनी है, कार्यकारी निदेशक ने बताया कि विंध्याचल परियोजना को कोयले की उपलब्धता एनसीएल की निगाही एवं जयंत खदान से की जा रही है। उन्होने बताया कि एनसीएल द्वारा उन्हे मांग अनुसार कोयले की आपूर्ति लगातार की जा रही है फिलहाल परियोजना के पास संतोषजनक कोयले का भंडारण है और गर्मी एवं बारिश में भी कोयले की आपूर्ति होती रहेगी। इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रारम्भ में आए हुये मीडिया प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुये महाप्रबंधक (मानव संसाधन) प्रबीर कुमार बिस्वास ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुये उपस्थित कार्यकारी निदेशक एवं महाप्रबंधकगणों का स्वागत किया। तत्पश्चात अपर महाप्रबंधक(ईएमजी) एस. पी. यादव ने पवार पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विंध्याचल परियोजना की विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों की जानकारी प्रस्तुत की तत्पश्चात वरिष्ठ प्रबन्धक मानव संसाधन कामना शर्मा ने विंध्याचल परियोजना के नैगम सामाजिक दायित्व के तहत किये जा रहे कार्यक्रमों एवं कार्यों का विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया जिसके तहत उन्होने बताया कि विंध्याचल परियोजना नैगम सामाजिक दायित्व के तहत क्षेत्र के विकास एवं विस्थापितों के कल्याण के विभिन्न कार्यक्रम चला रही है। उन्होने बताया कि बालिका सशक्तिकरण अभियान जो कि विंध्याचल का पायलट प्रोजेक्ट था जो एनटीपीसी के कई परियोजनाओं में प्रभावी ढंग से आयोजित किया जा रहा है जिसके तहत प्रतिवर्ष परियोजना के आस-पास शासकीय विद्यालयों की पाँचवी पास छात्राओं को परियोजनाओं में एक माह की प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमे शिक्षा विभिन्न गतिविधियों, खेल-कूद आत्मरक्षा,नृत्य, गायन, संगीत, कराते आदि में निपूर्ण किया जाता है। इन बच्चियों में 10 बच्चियों का चयन कर परियोजना के विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाता है जिसका सारा खर्च एनटीपीसी प्रबंधन वहन करता है। कार्यक्रम के दौरान मीडिया प्रतिनिधियों ने कार्यकारी निदेशक एवं उपस्थित विभागीय प्रमुखों से विद्युत उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण विकास नैगम सामाजिक दायित्व के तहत किए जा रहे कार्यों के बारे में प्रश्न पुछे जिनका कार्यकारी निदेशक ई. सत्यफनी कुमार ने सहजता के साथ जवाब दिया। कार्यकारी निदेशक द्वारा दिये गए जवाब से मीडिया प्रतिनिधि संतुष्ट नजर आए । कार्यक्रम का संचालन नैगम संचार (जनसम्पर्क) शिक्षा गुप्ता ने किया जबकि आभार प्रदर्शन अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) राकेश अरोड़ा ने व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक(प्रचालन एवं अनुरक्षण) समीर शर्मा, महाप्रबंधक आशुतोष सत्यपति, महाप्रबंधक (ग्रीन केमिकल) सूजय कर्माकर, विंध्य चिकित्सालय के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ बी.सी. चतुर्वेदी के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के विभागीय प्रमुख सहित सोनभद्र, राबर्ट्सगंज, सिंगरौली के मीडिया प्रतिनिधि मौजूद रहे।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here