पूर्वांचल वितरण निगम के वित्तीय टेक्नीकल पैरामीटरो सहित अनेको सूचना प्रबंध निदेशक पावर कार्पोरेशन द्वारा तलब करना दाल में कुछ काला उपभोक्ता परिषद् नहीं होने देगा कामयाब
प्रदेश के किसी भी कोने का निजीकरण बर्दास्त नहीं बिजलीदर सुनवाई के बीच गुपचुप निजीघरानो को पूर्वांचल देने की साजिश नहीं होगी कामयाब सरकार जनहित में निजीकरण पर लगाए विराम
बिजली आवश्यक सेवाओ का अंग उसके निजीकरण की बात देश के प्रधानमंत्री जी के क्षेत्र में सोचना हास्यापद प्रदेश के 3 करोड़ उपभोक्ताओ के मन में उठेगा बड़ा सवाल
पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक व निदेशक वित्त द्वारा पूर्वांचल के सभी जनपदों के वित्तीय पैरामीटर व तकनीकी पैरामीटर की विस्तृत रिपोर्ट अबिलम्ब पूर्वांचल निगम से तलब करने को लेकर पावर कार्पोरेशन की मंशा पर सवाल उठना लाजमी है की कही न कही गुपचुप निजीकरण की तैयारी चल रही है पावर कार्पोरेशन के प्रबंधनिदेशक द्वारा पूर्वांचल में स्टोर की स्थित सबस्टेशनो की सूचना फिक्स्ड रजिस्टर इन्वेंट्री सहित अनेको सूचना मांगने का सीधा तात्पर्य है की दाल में कुछ काला है । और निजीकरण की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा पावर कार्पोरेशन शायद यह भूल गया है की उसके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे यह जनता के साथ देाखा है एक तरफ बिजली दर की प्रक्रिया चालू है दूसरी तरफ इस प्रकार की कार्यवाही उपभोक्ता विरोधी कार्यवाही को दर्शाता है पावर कार्पोरेशन को सबसे पहले नियामक आयोग आदेशानुसार प्रदेश की जनता को यह बताना होगा की निजीकरण जनता के हित में कैसे है ? अभी टोरेंट पावर की जाँच में बड़ा खुलाशा हुवा है की अनुबंध के शर्तो को लागु करने में टोरेंट फैल साबित हुई है और वह बड़ा लाभ कमा रही फिर भी निजी घरानो को पूर्वांचल देने की बात करना पूरी तरह नियम विरुद्ध प्रक्रिया का धोतक है अभी भी समय है सरकार को प्रदेश की जनता के बारे में सोचना चाहिए ।
उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहापावर कार्पोरेशन शायद यह भूल गया की प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओ का सभी बिजली कम्पनियो पर उदय व ट्रूप के मद में लगभग 13337 करोड़ निकल रहा जो व्याज सहित लगभग 15000 हजार करोड़ रुपया होगा अगर इसे 4 बिजली कम्पनियो के हिस्से में बाट दिया जाय तो एक कंपनी के हिस्से में लगभग 3750 करोड़ आएगा एक बार पावर कार्पोरेशन जिस निजीघरानी को देने की सोच रहा उसे यह कहे की कंपनी लेते ही लगभग 3700 करोड़ उपभोक्ताओ को बिजली दर में कम करके वापस करना होगा सब बिना टिकट भाग जायेगे ।
पावर कार्पोरेशन ने क्या इस दिशा में कभी सोचा की नहीं की देश के प्रधानमंत्री जी और सूबे के मुख्यमंत्री जी पूर्वांचल से ही आते है अगर वहा भी सुधर के नाम पर निजीकरण की बात होगी तो प्रदेश के 3 करोड़ उपभोक्ताओ को बिजली कम्पनिया क्या जबाब देगी की जब सुधार के लिए प्रधानमंत्री जी का क्षेत्र निजीघरानो के हवाले हो रहा तो प्रदेश की जनता का कया होगा सुधार हमेसा सावर्जनिक क्षेत्र में ही होना चाहिए बिजली आवश्यक सेवाओ का अंग है ऐसे हमेसा सार्वजानिक क्षेत्र में ही होना चाहिए ऐसा बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर साहब का मत था ।