अवधनामा संवाददाता(शकील अहमद)
कुशीनगर। काम की परस्पर प्रतिस्पर्धा के चलते मानसिक तनाव होना आम बात है। इस बीमारी की बड़ी वजह शारीरिक थकान और तनाव है मगर ध्यान, योग, परस्पर बातचीत से मानसिक तनाव कम किया जा सकता है। भागदौड़ भरी जीवन शैली में सबसे ज्यादा युवा मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं। सकारात्मक सोच, रोगी से भावनात्मक लगाव और प्रेरणादायक माहौल देकर काफी हद तक मानसिक बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
उक्त बातें सोमवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोतीचक मथौली बाजार में 10 अक्टूबर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवशर पर आयोजित स्वास्थ्य शिविर को संबोधित करते हुए मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ विनोद कुमार गुप्ता ने उपस्थित लोगों के बीच कहा। उन्होंने ने कहा कि मानसिक विकार की श्रेणी बहुत ही लंबी-चौड़ी है। इस बीमारी में मस्तिष्क से जुड़ी हर तरह की समस्याओं को शामिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मानसिक बीमारी में पार्किंसन, अल्जाइमर, ऑर्टिम, डिस्लेक्सिया, डिप्रेशन, तनाव, चिंता, कमजोर याददाश्त, डर, भूलना समेत अन्य बहुत सी बीमारी शामिल हैं। ऐसे मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करें। उनके साथ समय दें, ताकि वह अकेलापन महसूस न करें। इस मौके पर प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ सूर्यभान कुशवाहा, डॉ सर्फयाब अहमद, डॉ अब्बास, राजेश मद्धेशिया, सतेंद्र मिश्रा, सुनील कुमार, राकेश मद्धेशिया, शबनम, पूजा, शैली सहित तमाम चिकित्सक व तीमारदार उपस्थित रहे।
मानसिक रोगों के प्रति सकारात्मक विचार पैदा करे
अगर व्यक्ति तनाव या डिप्रेशन का शिकार है, तो मनोचिकित्सक की सलाह और दवाइयों से उसे ठीक किया जा सकता है। मानसिक बीमारी को दवाओं से ठीक किया जा सकता है। ऐसे लोगों को सकारात्मक विचार पैदा करने के लिए प्रेरित करें, ताकि वह अकेलापन महसूस न करें। मानसिक तनाव में लोग बीमारी के शिकार होते हैं। ऐसे में परिवार में उस व्यक्ति को समय दें, ताकि वह तनाव में न रहे। बदलते लाइफ स्टाइल में अपेक्षाओं का बोझ मानसिक रोगों की सबसे बड़ी वजह है। मानसिक अवसाद पर समाज को भी जागरूक होना पड़ेगा।
मानसिक रोग के कारण
मानसिक रोग होने के बहुत से कारण हैं। पहला तो आसपास का वातावरण है। दूसरा है- आनुवांशिक। आनुवांशिक कारण में मानसिक रोग का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जिनके परिवार में मानसिक बीमारी का इतिहास रहा हो। उन परिवार में कोई न कोई मानसिक बीमारी से ग्रस्त अवश्य होता है। मानसिक रोगी होने का कारण अकेलापन, खुद में आत्मविश्वास खो देना भी है। इस स्थिति में व्यक्ति का मनोबल टूट जाता है। वह खुद को अकेला महसूस करता है। ऐसी स्थिति में वह कोई भी अचानक अप्रत्याशित कदम उठा सकता है।
मानसिक रोग के लक्षण
नींद न आना या देर से नींद आना, उदास या मायूस रहना, चिंता, घबराहट उलझन रहना, किसी काम में मन न लगना, अत्यधिक अपराधबोधी भावना वास्तविकता से दूर होना, शक करना, आत्महत्या की भावना, याददाश्त में कमी मानसिक रोग के कारण
अकेलापन, दबाव आत्मसम्मान में कमी, एल्कोहल या ड्रग्स जैसे मादक पदार्थो का सेवन, गुस्सा अधिक आना, मानसिक रोगी का यह है इलाज मानसिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को समझें उसके साथ अच्छा व्यवहार करते हुए समय दें, उसे भावनात्मक और सामाजिक सहयोग दे। पढने, खेलने, घूमने, योग और ध्यान करने के लिए प्रोत्साहित करें।
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