अवधनामा संवाददाता’
मकसदे हुसैन को समझें और उस पर अमल करें तभी मजलिसों में आना कुबूल होगा
डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। अहलेबैत अ:स से मुहब्बत का तरीका है की हम उनका कहना माने, उनके बताये हुए रास्ते पर चलें जो की वास्तविकता में अल्लाह का बताया हुआ रास्ता है। इसके लिए ज़रूरी है कि हम इनकी दी हुई शिक्षाओं को समझें। अगर हम अपनी ज़िंदगी इस तरह गुजारेंगे जैसे हमसे इस्लाम चाहता है तो यकीनन हमारी दुनियां और आखेरत दोनों कामयाब हो जायेंगी।
यह बातें रविवार को क्षेत्र के हल्लौर स्थित एडवोकेट माहताब हैदर रिज़वी के आवास पर आयोजित चौथी मजलिस को संबोधित करते हुए जाकिरे अहलेबैत अज़ीम हैदर ने कही। उन्होंने कहा कि मकसदे हुसैन को समझें और उस पर अमल करें तभी मजलिसों में आना कुबूल होगा।
हमें इमाम हुसैन अ.स. के मकसद को निगाहों में रखकर अजादारी को अंजाम देना चाहिए। उन्होने कहा कि इमाम हुसैन अ.स. ने दुनिया की सबसे बड़े आतंकवादी यजीद के खिलाफ सच्चाई की आवाज बुलंद की और इंसानियत को मरने से बचाया। इंसानियत की इससे बड़ी क्या मिसाल हो सकती है कि यजीद की फ़ौज का कमांडर हुर जैसे गुनहगार को गले लगाकर बताया। अगर कोई हमारे दर पर आ जाता है तो हम उसे भी माफ कर देते हैं। जिन्हें हम जनाब ए हुर कहते हैं। अंत में मसायबे कर्बला बयान बयान किया तो हर तरफ रोने की सदा सुनाई दी। मजलिस से पूर्व मर्सियख्वानी सरवर मेंहदी, अब्बास अली और जलाल अहमद में अंजाम दिया। मजलिस के दौरान माहताब हैदर रिज़वी एडवोकेट, बेताब हल्लौरी, इक़्तेदार मेंहदी, असगर मेंहदी, हसन मेंहदी, अकील हैदर, काशान, राज, साबिर हल्लौरी, जुगनू सहित तमाम लोग मौजूद रहे।