अवधनामा संवाददाता
ललितपुर (Lalitpur)। स्थानीय कंपनी बाग में बुन्देलखण्ड विकास सेना के तत्वाधान में विकास सेना प्रमुख हरीश कपूर टीटू के नेतृत्व में बुन्देलखण्ड के महाराजा छत्रसाल की 372 वीं जयन्ती मनाई गई। इस मौके पर मानव श्रंखला बनाकर बुन्देलखण्ड प्रान्त निर्माण हेतु जनजागरूकता अभियान चलाया गया।
बु.वि. सेना प्रमुख हरीश कपूर टीटू ने महाराजा छत्रसाल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि उनका राज्य जहाँ जहां तक फैला था वहीं असली बुन्देलखण्ड है। उन्होंने कहा कि राज्य पुनर्गठन आयोग का मूल मानक है कि राज्यों का बंटबारा स्थानीय बोलियों के आधार पर किया जाना चाहिए। अत: बुन्देलखण्ड से अलहदा कोई दूसरा क्षेत्र जोड़ा जाता है तो यह बुन्देलखण्डवासियों के साथ घोर नाइंसाफी होगी। उन्होंने कहा कि महाराज छत्रसाल ने बुन्देलखण्ड की स्वाभाविक सीमा जो प्राकृतिक रूप नदियों ने अनादिकाल से बनाई है वही वास्तविक बुन्देलखण्ड है। इत चंबल उत नर्मदा, इत जमुना उत टोंस, छत्रसाल सें लरन की, काऊ न राखि हौंस। उन्होंने कहा कि इसका आशय यह है कि बुन्देलखण्ड राज्य की सीमा में झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा, भिण्ड, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सागर, दमोह, विदिशा, नरसिंहपुर आदि जिले शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि बुन्देलखण्ड के महत्व को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री पं जवाहरलाल नेहरू ने विन्ध्य प्रदेश बनाया था। अत: तभी से इसके विस्तार की चर्चा होती चली आ रही है । अब और इन्तजार किसी भी तरह से तार्किक नहीं है क्योंकि देश की ठसाठस आबादी के दो पाटों के बीच में खाता-पीता वर्ग तो अपना काम जैसे-तैसे चला लेता है किन्तु कोटि कोटि किसान और मजदूर तथा अन्य असंगठित कामगार भगवान भरोसे चल रहे हैं। अत: विकास की दौड़ में हांफता हुआ बुन्देलखण्ड प्रान्त निर्माण के ऑक्सीजन सपोर्ट की अबिलम्ब दरकार की आस लगाये हुए है।
इस अवसर पर बुन्देलखण्ड विकास सेना के कार्यकर्ताओं में अमान साहू, राजकुमार कुशवाहा, कदीर खां, अमरसिंह, मुन्ना महाराज त्यागी, विनोद साहू, प्रदीप पंडित, प्रमोद साहू, पुष्पेन्द्र शर्मा, परवेज पठान, प्रदीप सोनी, नन्दराम कुशवाहा, वीरेन्द्र कुमार, गौरव विश्वकर्मा, अमित जैन, भैय्यन कुशवाहा, आरिफ खान, पवन शर्मा, कैलाश मुंशी, प्रदीप साहू, कामता भट्ट आदि उपस्थित रहे।