संसद का बजट सत्र आज से प्रारंभ हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट सत्र है।
सत्र को सुचारु रूप से संचालित करने की उम्मीद और परंपरा के तहत रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्यसभा में पार्टी के नेता जेपी नड्डा, संसदीय कार्यमंत्री किरन रिजीजू और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सहित 41 दलों के 55 नेता शामिल हुए।
केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की विज्ञप्ति के अनुसार, रिजीजू ने बताया कि बजट सत्र 22 जुलाई को शुरू होगा और गवर्नमेंट बिजनेस की अत्यावश्यकताओं के अधीन, सत्र 12 अगस्त को समाप्त हो सकता है। सत्र में 22 दिनों की अवधि में 16 बैठकें होंगी। उन्होंने बताया कि यह सत्र मुख्य रूप से 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट से संबंधित फाइनेंशियल बिजनेस के लिए समर्पित होगा। इसे 23 जुलाई को लोकसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। आवश्यक विधायी और अन्य जरूरी कामकाज भी सत्र के दौरान किए जाएंगे।
आर्थिक सर्वेक्षण 22 जुलाई को संसद के पटल पर रखा जाएगा। 2024 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट भी 23 जुलाई को प्रस्तुत किया जाएगा। अस्थायी रूप से इस सत्र के दौरान उठाए जाने वाले विधायी कार्य के 6 विषय और वित्तीय कार्य के 3 विषय की पहचान की गई है। उन्होंने संसद के दोनों सदनों के सुचारू कामकाज के लिए सभी दलों के नेताओं से सक्रिय सहयोग और समर्थन का भी अनुरोध किया।
बैठक का समापन करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें कार्यवाही के दौरान संसद की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। सरकार संसद के संबंधित सदनों के नियमों और संबंधित पीठासीन अधिकारियों के निर्णयों के अधीन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र और राज्यसभा के 265वें सत्र के दौरान लाए जाने वाले संभावित विधेयकों की सूची
विधायी
(1) वित्त (नंबर 2) विधेयक, 2024
(2) आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024
(3) बॉयलर बिल, 2024
(4) भारतीय वायुयान विधायक, 2024
(5) कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक, 2024
(6) रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक, 2024
वित्तीय
(1) केंद्रीय बजट, 2024-25 पर सामान्य चर्चा
(2) 2024-25 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा और मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित/वापसी।
(3) वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित/वापसी।