सभी जिलों में अम्बेडकर जयंती मनाएगी बसपा
बसपा ने पिछड़ी जातियों को दिलाया आरक्षण का संवैधानिक हक, शासन प्रशासन में दी सम्मान जनक भागीदारी -मायावती
बहुजन समाज पार्टी मिशन -2027के लिए सर्वसमाज को पार्टी संगठन से मजबूती से जोड़ने की कवायद में लगी हुई है। पिछड़ी जातियों को पहले की तरह बी एस पी के साथ फिर से जोड़ने के लिए मंगलवार को बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने स्वयं लगभग दो घंटे का कैडर दिया। बसपा सुप्रीमो ने सामाजिक भाईचारा कमेटी के पदाधिकारियों को बसपा की चार बार की सरकार में पिछड़े वर्ग के हित में किए गए कार्यों की जानकारी दी और गांव गांव जाकर लोगों को कांग्रेस, भाजपा और सपा की झूठी राजनीति से सावधान करते हुए बसपा के नीले झंडे के तले खड़ा करने के संदेश दिए।
बसपा इस बार उत्तर प्रदेश के सोलह मंडलों सहित पूरे देश में अम्बेडकर जयंती जिला मुख्यालय पर विचार गोष्ठी के रूप में मनाएगी।
बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि 14अप्रैल 1984को बहुजन समाज पार्टी के गठन के बाद हमेशा अलग थलग और बिखरे पड़े अन्य पिछड़ा वर्ग को संगठित करने के साथ मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू कराने के लिए देश व्यापी आंदोलन किया और 1989में मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू कराकर ओ बी सी जातियों को संवैधानिक हक दिलाया।ओ बी सी जातियों को हर क्षेत्र में समता, न्याय और आत्मसम्मान के साथ जीने और अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए तमाम ऐतिहासिक कार्य किए हैं।
बसपा सुप्रीमो ने सभी पदाधिकारियों को गांव गांव जाकर लोगों के बीच संवाद बैठकें और कैडर कैम्प करके बसपा सरकार के कानून के राज और उपलब्धियों की जानकारी आम जनता को देने के निर्देश दिए।
बैठक में राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम, मेवालाल गौतम के बाद पूर्व सांसद सतीश चन्द्र मिश्रा,
प्रदेश अध्यक्ष विश्व नाथ पाल, पूर्व सांसद घनश्याम चंद खरवार, मुनकाद अली, पूर्व मंत्री गया चरन दिनकर, पूर्व एम एल सी भीमराव अम्बेडकर, डॉ विजय प्रताप गौतम, पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रभारी शमसुद्दीन राइन, पूर्व एम एल सी नौशाद अली, पूर्व एम एल सी दिनेश चन्द्रा, दिलीप कुमार विमल, सर्वेंद्र अम्बेडकर, अखिलेश अम्बेडकर,राम सूरत चौधरी, महेंद्र प्रताप आनंद, गया शंकर कश्यप आदि मौजूद रहे।
पिछड़ी जातियों के हित में बसपा द्वारा किए गए प्रमुख कार्य- एक नजर
12 अगस्त 1995 को उ प्र पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की स्थापना की।
20 सितंबर 1995 को पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय की स्थापना की गई ।
कानपुर विश्वविद्यालय का नया नामकरण छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर किया गया।
छत्रपति शाहूजी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई।
ओबीसी आरक्षण अधिनियम की अनुसूची एक में 21 मूल जातियों में 37 उपजाति उपनाम जोड़े गए।
कृषि योग्य भूमि एवं आवासीय भूमि के लिए आवंटन की विशेष कार्य भी किए गए ।
छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाने का एतिहासिक काम किया गया।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत ओबीसी वर्ग के लोगों के लिए 27 से प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को प्रभावित तौर पर लागू करके छात्रवृत्ति बढ़ाई गई।