किसानों के बारे में केंद्र और राज्य दोनों को सोचने की आवश्यकता : मुख्यमंत्री

0
92

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित शताब्दी समारोह में शुक्रवार काे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छह वर्षों तक इस राज्य का मार्गदर्शन किया और आज देश को नई दिशा दिखा रही हैं।

सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन ने कहा कि किसानों को हमने सदियों से सिर आंखों पर रखा है। जय जवान जय किसान जैसे नारे देश में गूंजे हैं लेकिन किसान कितना मेहनत करता है, कितना जद्दोजहद करता है, ग्रामीण क्षेत्रों में किसान से पूछा जाए तो पता चलता है। आज जिस तरह से पर्यावरण में परिवर्तन है, जिस तरह से कभी कम बारिश, कभी ज्यादा बारिश, कभी सुखाड़ जैसी स्थिति है। सौ सालों में यदि हम किसानों की संख्या देखे तो बड़े पैमाने पर खेतिहर मजदूर बनने को मजबूर हैं। हमें इन्हें बचाने की आवश्यकता है। इसका हल और उपाय कैसे निकले इसके बारे में केंद्र और राज्य दोनों को सोचने की आवश्यकता है। वैकेल्पिक खेती के ओर किसान कैसे आगे बढ़े इसपर हमलोगों ने लगातार काम किया है।

सोरेन ने कहा कि आज यहां कृषि से जुड़े विषय पर बातें रखी जा रही है। हम आज किसानों की बात कर रहे हैं। हम किसानों के लिए बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी करते हैं। कागजों में भी आंकड़ें बड़े-बड़े दिखाते हैं। आज हम 50-55 प्रतिशत लाह उत्पादन की बात करते हैं। पहले हम 70 प्रतिशत लाह उत्पादन करते थे। किसानों की आज क्या हालत है वो किसी से छिपा नहीं है।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here