अवधनामा संवाददाता
आजमगढ़। आजमगढ़-मऊ स्थानीय निकाय प्राधिकारी क्षेत्र से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी अरुण कुमार यादव के विरुद्ध अपने बेटे विक्रांत सिंह उर्फ रिशू को चुनाव लड़ाना भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह को भारी पड़ गया। संठगन ने उन्हें छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। एमएलसी यशवंत सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खास माने जाते रहे हैं, लेकिन एमएलसी चुनाव में भाजपा ने फूलपुर के पूर्व विधायक अरुण कुमार यादव को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया, तो यशवंत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह रिशू ने निर्दल पर्चा दाखिल कर दिया। शुरुआत में लगा कि विक्रांत पर्चा वापस ले लेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। अलबत्ता चुनाव में ताकत झोंकी जाने लगी, जिसके बाद भाजपा संगठन की ओर से एमएलसी यशवंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की आशंका जताई जाने लगी थी। दरअसल, भाजपा ने अरुण को चुनाव जिताने के लिए पूरी ताकत लगाते हुए किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह, गोरखपुर प्रांत के क्षेत्रीय महामंत्री सहजानंद राय को चुनाव प्रभारी बनाते हुए चुनाव जिताने का जिम्मा सौंप दिया। एक दिन पूर्व ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा कार्यकर्ताओं से रूबरू होने पहुंचे थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं में यह कहते हुए जोश भरा कि यही अवसर जब हम एमएलसी चुनाव जीतकर सपा से बदला ले पाएंगे। यहां से आप सभी एक प्रतिनिधि भेजें, तो जनपद का विकास मिल-जुलकर वृहद तरीके से किया जाएगा। इसी बीच कई तरह की रिपोर्ट संगठन में पहुंचने पर भारतीय जनता पार्टी ने विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। प्रदेश महामंत्री/मुख्यालय प्रभारी गोविद नारायण शुक्ल ने इस आशय का पत्र भाजपा प्रदेंश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री (संगठन), क्षेत्रीय अध्यक्ष भाजपा, गोरखपुर क्षेत्र तथा जिलाध्यक्ष भाजपा आजमगढ़ को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया है। भाजपा के लालगंज जिलाध्यक्ष ऋषिकांत राय ने इसकी पुष्टि की है। उधर, यशवंत सिंह का कहना है कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर पार्टी की ओर से मुझे जानकारी दी जाएगी, तो अपना पक्ष रखूंगा।