दलित कार्ड खेल सकती है कांग्रेस, भाजपा में ओ बी सी पर मंथन
कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां नये साल में जिले में संगठन का कैप्टन बदल देंगी। दोनों पार्टियों में जिला अध्यक्ष के नाम पर मंथन चल रहा है। दलितों के बीच खोए हुए जनाधार को वापस लाने के लिए कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद के लिए दलित कार्ड खेल सकती है। भाजपा में ओ बी सी को संगठन की कमान सौंपने के लिए मंथन चल रहा है।
भाजपा में लगातार तीन टर्म से ब्राह्मण जिला अध्यक्ष पद पर हैं। कांग्रेस ने योगेन्द्र मिश्र के बाद व्यवसाई प्रदीप सिंघल को जिला अध्यक्ष बनाया है। भाजपा इस बार किसी ओ बी सी तो कांग्रेस दलित लीडर को संगठन की कमान सौंपने की रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा में 23नेताओं ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है, जबकि कांग्रेस में 17नेताओं ने कांग्रेस हाईकमान तक अपना बायोडाटा पहुंचाया है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस बार किसी दलित लीडर को जिला अध्यक्ष बनाएगी।एक पूर्व विधायक का नाम जिला अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे है। अमेठी और रायबरेली के संगठन में किसी को पदाधिकारी बनाने में गांधी परिवार की सहमति अनिवार्य मानी जाती है। राहुल गांधी और प्रियंका का हाथ किसके सिर पर जाएगा,इस बात को लेकर कांग्रेस खेमे में कयासों का दौर तेज है।
जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल के साथ डा नरेंद्र मिश्र,डा देवमणि तिवारी, विजय पासी , अनिल सिंह, अशोक सिंह हिटलर, राजकुमार यादव सहित सत्रह नेता जिला अध्यक्ष बनने की लाइन में हैं। कई युवा चेहरे भी दौड़ में शामिल हैं।
पार्टी नेतृत्व का फैसला 26जनवरी के बाद आने की संभावना है।
Also read