अवधनामा संवाददाता
सुल्तानपुर। किसानों के निजी नलकूपों का शत प्रतिशत बिजली बिल माफ किए जाने की बात सरकार कह रही है,लेकिन बिजली विभाग बिल थमा रहा है।इससे ऊहापोह की स्थित बनी है। मार्च से पहले के बकाए पर ब्याज माफी की योजना में पंजीयन से किसान किनारा कर रहे हैं। निजी नलकूपों पर करोड़ों रुपये से अधिक का बिल बकाया है। मार्च तक के बकाया बिल के लिए ब्याज माफी योजना शुरू की गई है। 8नवंबर से पंजीयन खुला है। इसमें निजी नलकूप बकाएदार एक मुश्त जमा कर ब्याज पर पूरी छूट पा सकता है। इसके साथ ही बकाया बिल 12आसान किस्तों में जमा करने का विकल्प भी है। इधर किसान नलकूप का संपूर्ण बिल माफी की उम्मीद लगाए थे।मुख्यमंत्री ने मार्च में निजी नलकूप के बिजली बिलों में सौ फीसदी छूट की घोषणा की थी।इसका ट्वीट भी उप्र सरकार के ट्वीटर हैंडल से 27मार्च को किया गया। हालांकि बिजली विभाग लगातार निजी नलकूप का बिल थमाता रहा। बाद में 1अप्रैल से बिजली बिल पूरा माफ होने की बात कही गई। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने 13नवंबर को जनप्रतिनिधियों को पत्र जारी कर 1अप्रैल 2023के बाद किसानों का बिजली बिल माफ होने की बात कही। जिक्र किया कि 31मार्च तक या उसके पहले के बाकी बिल पर ब्याज माफी योजना का लाभ मिलेगा। अब किसान ऊहापोह में हैं।अप्रैल से निजी नलकूप का बिल नहीं देना है इसके संबंधित कोई जानकारी बिजली बिल पर भी अंकित नहीं है। इससे किसान परेशान हैं। कुड़वार उपखंड क्षेत्र के कई किसानों का कहना है कि ओटीएस में पंजीयन कराने गए तो पूरा बिल दिखा रहा है।जबकि केवल मार्च तक का बिल ही बिलिंग साफ्टवेयर पर दिखना चाहिए।