प्रदेश का सबसे बड़ा बजट

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एस.एन.वर्मा
मो.7084669136

 

उत्तर प्रदेश का 6,15,518.97 करोड़ का बजट आकार लिहाज से प्रदेश का पहला बजट है। बजट में 44 नई योजनाओं के जरिये जनता की उम्मीदो को पूरा करने की कोशिश दिखती है। उद्योग निवेश और रोजगार के लिये बुनियादी ढाचों पर ध्यान रख क्षेत्रों महिलाओं, गांव के गरीब और किसानों तथा आस्था केन्द्र में रक्खा है।
किसानों के लिये लघु सिंचाई योजना पर 1,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था है। इसके अलावा 15000 सोलर पम्प की स्थापना, 60.20 लाख कुन्तल बीज वितरण की भी व्यवस्था है। महिलाओं की बेहतरी के लिये सूक्ष्म एवम् लघु उद्योग क्षेत्र में मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत 20 करोड़ का प्रावधान है। स्वामी विवेकान्द युवा सशक्तीकरण के तहत चालू वर्ष के लिये 1500 करोड़ का प्रावधान है। श्रमिकों के बच्चों के लिये अटल आवासीय योजना के तहत 300 करोड़ का प्रावधान है। कानुपर, आगरा, वाराणसी और गोरखपुर के लिये मेट्रो परियोजना के अन्तर्गत भारी आवन्टन किया गया है। आस्था से जुड़ा प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के लिये 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उज्जवला लाभार्थियों को होली को और रंगीन और दिवाली को और जगमग बनाने के लिये मुफ्त सिलेन्डर का तोहफा है। इसके अन्तर्गत 3301 करोड़ की व्यवस्था की गई है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एमबीबीएस और पीजी में सीटो की वृद्धि के लिये 500 करोड़ आवन्टित है। मुख्यमंत्रत्री अम्युदय योजना के लिये 30 करोड़ और बुजुर्गो के जीवन यापन के लिये 7053.56 करोड़ रक्खा गया है। युवाओं को दो करोड़ स्मार्ट फोन के लिये और 1500 करोड़ टैबलेट के लिये रक्खा गया है। सारा प्रयास नये उत्तर प्रदेश की रूपरेखा के लिये किया जा रहा है मुख्यमंत्र का कहना है।
महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुये महिला पीएसी बटालियन बनाई जायेगी। गांवो पर विशेष ध्यान देते हुये पूरी रात बिजली की आपूर्ति बनाये रखने के लिये एक हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। एसटी कल्याण और नमामिगंगे के बजट में तोहफा के तौर पर वृद्धि दी गयी है। सरकार की कोशिश जनकल्याणकारी बजट बनाने पर है। पर सरकार की सीमाये है जो चाह कर भी तोड़ी नहीं जा सकती। जैसे बजट मे भारी भरकम राजस्व प्राप्ती का अनुमान है पर सरकार की मजबूरी यह भी है कि कुल राजस्व का 45.7 प्रतिशत कर्मियों के वेतन कर्मियों के पेन्शन और कर्ज अदायगी में निकल जायेगा।
बजट में आम आदमी तब जुडता है जब उसे लगता है कि इससे निजी लाभ मिलेगा और सीधा लाभ मिलेगा। जैसे किसानों का कर्ज माफी योजना इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है जिससे आदमी अपने को निजी तौर पर जुड़ा महसूस कर सके। वैसे तो प्रदेश की समग्र उन्नति से आदमी परोक्षरूप से जुड़ा रहता है। हालाकि यह बजट रूपयो के आकार से सर्वकालिक प्रदेश का सबसे बड़ा बजट है पर लोग बजट से अपना सीधा जुड़ाव नहीं कर पा रहें। वजह यह है कि बजट का मूल आवन्टन राज्यीय व्यवस्था के लिये है जो सम्बन्धित विभाग को उसके कार्यान्वयन के लिये मिलेगा। सारी व्यवस्था सरकारी होगी उसमें आम आदमी का क्या काम है। बजट मे ंआम आदमी से सीधे जुड़ने वाली चीजें जैसे वेतन वृद्धि, टैक्स में कमी या बढ़ोत्तरी, वस्तुओं को सस्ता मंहगा होने वाला कोई फैसला बजट में नहीं है। सरकार को करो पर दूसरे संसाधनों से मिलने वाला राजस्व की कमाई का सिर्फ 20 प्रतिशत सीधे विकास कार्यो पर खर्च होता है। प्रदेश की आबादी करीब 24 करोड़ है। इतनी बड़ी आबादी को इतनी कम राशि से सीधे जुड़ने वाली कोई प्रभावकारी योजना देना मुमकिन नहीं है। क्योंकि पांव तो चादर के अनुसार ही फैलेगा।
गौर करने की बात है कि कुल प्राप्त राजस्व का 80 प्रतिशत कर्मचारियों के वेतन, पेन्शन, भत्ता, विकास कार्यो के लिये लिये गये कर्ज़ की वापसी जैसे कर्ज की किश्त और ब्याज का भुग्तान, कार्यालयों के खर्चे, केन्दीय योजनाओं में राज्य का अंशदान वगैरह में चला जाता है।
चूकि राज्य सरकारों का बजट मुख्य रूप से राज्य की व्यवस्थाओं के व्यवस्थित संचालन के लिये होता है। जो आम आदमी के आम जरूरतों के चीज़ों को महंगा सस्ता होने से कोई मतलब नहीं रखता है। इसीलिये आम आदमी बजट से जुड़ नहीं पाता है हालाकि सरकरे इसे जनता का ही बजट कहती रहती है।
सबसे बड़ा कारण लोगो बजट से जुड़ने का होता है सीधे रोज़गार से न जुड़पाना सरकारी ध्यान विकास कार्यो और निवेश से जुड़ी योजनाओं पर केन्द्रित होता है।
योगी जी का बजट चाहे जैसा हो पर बजट चर्चा के दौरान उनके द्वारा कहा गया शेर बहुत ही उत्तम है जो आम आदमी पर सीधा प्रभाव डालता है। गौर करें
जब तक भोर का सूरज नज़र नहीं आता
काम मेरा है उजालों की हिफाजत करना
मेरी पीढ़ी को एक चिराग बनके जलना है
जिसका मजहब है अन्धेरो के बगावत करना

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