भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को उनके संगठन के “मनुवादी” एजेंडे के वास्तविक जनसमर्थन को परखने के लिए सीधे चुनाव लड़ने की चुनौती दी।
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, संघ मुख्यालय के निकट यहां रेशीमबाग मैदान में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए आजाद ने “मनुवाद” को खत्म करने के लिये संघ पर प्रतिबंध की मांग की।
Bhim Army chief Chandrashekhar Azad led a march here against the Supreme Court ruling that reservation in promotions in government jobs is not a fundamental right.https://t.co/6K9y2IBCyr
— Hindustan Times (@htTweets) February 23, 2020
आजाद ने कहा, “मैं संघ प्रमुख को एक सुझाव देना चाहता हूं, झूठ का मुखौटा उतारिये और मैदान में आइए। यह लोकतंत्र है, अपने एजेंडे के साथ सीधे चुनाव लड़िए और लोग आपको बता देंगे कि देश ‘मनुस्मृति’ से चलेगा या संविधान से।”
उन्होंने कहा कि नया संशोधित नागरिकता कानून(सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) संघ का “एजेंडा” हैं।
बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने भीम आर्मी को कुछ शर्तों के साथ रेशीमबाग में सभा करने की इजाजत दे दी थी। इससे पहले कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर आशंका जताते हुए स्थानीय पुलिस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
नागपुर पुलिस की मंशा के संदर्भ में आजाद ने कहा कि दो विचारधाराओं में हमेशा संघर्ष होता है। आजाद ने कहा, “हम जहां संविधान में विश्वास रखते हैं, वे ‘मनुस्मृति’ को मानते हैं।
यह देश सिर्फ संविधान से चलता है और किसी अन्य विचारधारा से नहीं। अगर देश में संघ पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो ही देश में ‘मनुवाद’ खत्म होगा।”
उन्होंने कहा क्योंकि संघ भाजपा को चलाता है, इसलिए प्रधानमंत्री हाथ जोड़कर संघ प्रमुख से मिलते हैं और उन्हें जानकारी देते हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “वह संविधान की बात करते हैं लेकिन मनुस्मृति के एजेंडे को बढ़ावा देते हैं।”
आजाद ने संघ पर पिछले दरवाजे से आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया।
आजाद ने कहा, “हमारे लोगों को अब भी कोई पद (सरकारी नौकरी में) मिलना बाकी है, एक दिन, हमारा प्रधानमंत्री होगा और अन्य राज्यों में हमारी सरकारें होंगी। हम आपको आरक्षण देंगे। हम समाज के अन्य वर्गों को आरक्षण देंगे। हम देने वाले बनेंगे लेने वाले नहीं।”