अलवर में भगवान जगन्नाथ जी का मेला चल रहा है। बुधवार देर रात भगवान जगन्नाथ जी ने जानकी मैया को वरमाला पहनाई और इसी के साथ विवाह संपन्न हुआ। घंटे-घड़ियाल, शंखनाद और मन्त्रोचारण के साथ विवाह सम्पन्न हुआ। हजारों श्रद्धालु इस विवाह के साक्षी बने। मंदिर परिसर में भगवान जगन्नाथ और जानकी मैया के जयकारे गूंज उठे। इस वरमाला को देखने के लिए श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा।
शहर में हर साल जगन्नाथ जी रथ यात्रा महोत्सव मनाया जाता है। यहां 280 साल पुराना भगवान जगन्नाथ का मंदिर है। जहां करीब 160 साल से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जा रही है। हर साल भगवान जगन्नाथ का जानकी मैया से विवाह होता है। मंदिर के पुजारी व अन्य लोगों के द्वारा प्रतिमाओं को माला पहनाकर विवाह संपन्न कराया जाता है। रूपवास स्थित मंदिर परिसर में तीन दिन तक लगातार मेला भरता है। 19 जुलाई को भगवान जगन्नाथ जानकी मैया को लेकर रथ यात्रा में सवार होकर सुभाष चौक स्थित मंदिर पहुंचेंगे। शाम को शुरू हुई रथ यात्रा अगले दिन सुबह तक पहुंचेगी। सात आठ किलोमीटर के इस सफर में 10 घंटे से अधिक रथ यात्रा को लग जाते हैं क्योंकि रथ यात्रा को देखने के लिए जिले सहित बाहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। रुपबास से लेकर सुभाष चौक मंदिर तक रोड के दोनों और रथ यात्रा को देखने के लिए श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ता हैं।