जिले में पहली बार भटहट सीएचसी को मिला एनक्वास, प्रसव कक्ष को लक्ष्य सर्टिफिकेशन

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अवधनामा संवाददाता

अप्रैल माह में राष्ट्रीय टीम ने सीएचसी का किया था मूल्यांकन

एनक्वास श्रेणी में 90.09 फीसदी, जबकि लक्ष्य कार्यक्रम में 91 फीसदी स्कोर मिले

गोरखपुर । जिले में पहली बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) श्रेणी में भटहट सीएचसी को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (एनक्वास) और वहां के प्रसव कक्ष को लक्ष्य सर्टिफिकेशन मिला है । दो सदस्यीय राष्ट्रीय टीम ने अप्रैल में सीएचसी का मूल्यांकन किया था । एनक्वास श्रेणी में सीएचसी को 90.09 फीसदी, जबकि लक्ष्य कार्यक्रम में 91 फीसदी स्कोर मिले हैं । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने इस उपलब्धि पर सीएचसी को बधाई दी। साथ ही कहा कि जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश और मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा के नेतृत्व में जिला स्तरीय टीम व भटहट सीएचसी के समन्वय से यह उपलब्धि संभव हो सकी है ।

सीएमओ ने बताया कि भटहट सीएचसी को पुरस्कार के तौर पर 1.5 रुपये, जबकि वहां के प्रसव कक्ष को दो लाख रुपये मिलेंगे । इस रकम के 75 फीसदी से सीएचसी और प्रसव कक्ष का विकास किया जाएगा जबकि 25 फीसदी कर्मचारी कल्याण, पुरस्कार आदि पर खर्च होंगे । उन्होंने कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार और सीएचसी के अधीक्षक डॉ अश्विनी चौरसिया व उनकी टीम को विशेष तौर पर बधाई दी और कहा कि इस सफलता को आगे भी बरकरार रखना है।

नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार ने बताया कि भारत सरकार के संयुक्त सचिव विशाल चौहान द्वारा भेजे गये पत्र के अनुसार सीएचसी को छह में से पांच मानकों पर फिट पाया गया है । प्रसव कक्ष को सभी मानकों पर पूर्ण पाया गया है । एक्सीडेंटल व इमर्जेंसी सेवा,ओपीडी सेवा, आईपीडी सेवा, लेबोरेटरी, फार्मेसी, ऑक्जीलरी सेवा और सामान्य प्रशासन सेवा की गुणवत्ता के कारण सीएचसी को एनक्वास मिला है । प्रसव कक्ष में नर्स मेंटर और सहयोगी स्टॉफ नर्सेज की गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के कारण लक्ष्य सर्टिफिकेशन संभव हुआ ।

डॉ कुमार ने बताया कि सीएचसी को सफलता दिलवाने में मंडलीय क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ जसवंत मल्ल, पूर्व जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ मुस्तफा खान, डॉ मुकुल, डॉ कमलेश और जिला प्रशासनिक कार्यक्रम सहायक (क्वालिटी) विजय कुमार श्रीवास्तव ने विशेष योगदान दिया । सभी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद व उनकी टीम से पवन गुप्ता व पवन कुमार ने समय समय पर आवश्यक सहयोग दिया । सभी राष्ट्रीयकृत कार्यक्रमों के जिला व ब्लॉक कंसल्टेंट, वरिष्ठ सहायक नवीन गुप्ता, भटहट के एचईओ कमलेश्वर, बीपीएम अश्वनी और बीसीपीएम आरती, स्टॉफ नर्स, पैरामेडिकल्स और अग्रिमपंक्ति कार्यकर्ताओं के दिन रात की मेहनत की बदौलत जिले को यह उपलब्धि हासिल हुई है ।

मरीजों के लिए बनवाएंगे शेड, लगेगी रंगीन लाइट

इस उपलब्धि पर सीएचसी के अधीक्षक डॉ अश्विनी चौरसिया ने बताया कि पुरस्कार के तौर पर जो धनराशि प्राप्त होगी उससे मरीजों के लिए शेड बनवाने की योजना है ताकि उन्हें धूल, धूप और बारिश में बैठने की जगह मिल जाए । सीएचसी परिसर में कलरफुल लाइट भी लगवाएंगे ताकि रात के अंधेरे में भी मरीजों को सेवाओं आकर्षित करें । प्रसव कक्ष को ओटी की तरह विकसित किया जाएगा।

पीएचसी में मिल चुका है सर्टिफिकेट

जिले की डेरवां पीएचसी और बसंतपुर यूपीएचसी को एनक्वास सर्टिफिकेट वर्ष 2019 में ही प्राप्त हो चुका है। दोनों इकाइयां अपनी अपनी श्रेणी में प्रदेश में पहली बार यह पुरस्कार जीत सकी थीं। सीएचसी श्रेणी में जिले को पहली बार एनक्वास प्राप्त हुआ है । जिला महिला अस्पताल और जिला अस्पताल पहले से ही एनक्वास सर्टिफाइड हैं । भटहट सीएचसी को हाल ही कायाकल्प अवार्ड योजना में प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है । इकोफ्रेंडली श्रेणी में भी इस सीएचसी ने पुरस्कार जीता है। यह इकाई पीएचसी श्रेणी में एक बार और सीएचसी श्रेणी में तीन बार कायाकल्प अवार्ड जीत चुकी है ।

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