भारत सरकार, लखनऊ की ओर से आज ‘‘दिवाली फॉर लोकल’’ पर एक बेविनार का आयोजन किया गया। बेविनार में बड़ी संख्या में लोगो ने हिस्सा लिया। वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रो0 यशवीर त्यागी, ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दिवाली फॉर लोकल की जो बात कही है उसके काफी गंभीर अर्थ है। उन्होने कहा कि आर्थिक विकास के मॉडल को विकेन्द्रीकृत होना चाहिए। इससे लोगो की आय में समानता आती है। प्रो0 त्यागी ने कहा कि ऑनलाइन बिक्री से स्थानीय उत्पादों को बड़ा बाजार मिला। उन्होने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर पर्यावरण संतुलन को भी बनाया जा सकता है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के प्रो0 एम0 के0 पादी ने कहा कि 1980 के बाद पूंजी प्रधान उद्योगो की स्थापना को बल मिला । इससे स्थानीय बजारों का उत्पाद सीमित हुआ। उन्होने कहा कि अब सरकार ने स्थानीय उत्पादों का महत्व दिया है जिससे लोगो में उम्मीदे जगी है। प्रो0 पादी ने कहा कि पिछली वर्ष दिवाली में विदेशी सामानों की खरीद मे 50 हजार करोड़ रूपये की विदेशी मुद्रा खर्च हुयी। उन्होने कहा कि स्थानीय उत्पादो के बढ़ावा देने से रोजगार बड़ता है, मजदूरो का पलायन रूकता है और आयात कम होता है। प्रधानमंत्री ने 5 खरब डालर वाली जिस अर्थव्यवस्था का सपना देखा है उसे पूरा करने के लिए आयात को कम करना होगा। वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ कलहंस ने स्थानीय उत्पादों में की बिक्री को बढ़ावा देने में मीडिया की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होने कहा कि ब्रांडिंग करके स्थानीय उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार दिलायी जा सकती है। श्री कलहंस ने कहा कि इलैक्ट्रानिक चैनलों को स्थानीय उत्पाद का बढ़चढ़ के प्रचार करना चाहिए।
इससे पहले पत्र सूचना कार्यालय के अपर महानिदेशक श्री आर0 पी0 सरोज ने अध्यक्षता की और अतिथियों का स्वागत किया । उन्होने कहा कि सरकारी मीडिया स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उपनिदेशक डॉ0 श्रीकांत श्रीवास्तव ने वेबीनर का संचालन किया । उन्होने विषय की स्थापना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए वोकल फॉर लोकल का आहवान किया था। उसी क्रम में अब दिवाली फॉर लोकल का आहवान किया है।