(डा0 अम्मार रिज़वी)
लखनऊ (Lucknow) वीरांगना बेगम हज़रत महल की पुण्यतिथि पर आल इंडिया मायनारिटीज़ फ़ोरम फ़ार डेमोक्रेसी की एक बैठक फ़ोरम के लखनऊ स्थित कार्यालय 28, पार्क रोड पर फ़ोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री, उ0प्र0 डा0 अम्मार रिज़वी की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
डा0 रिज़वी ने हज़रत महल के व्यक्तित्व पर बोलते हुए कहा कि भारत वर्ष में सदैव महिलाओं ने ज़रुरत पड़ने पर अपनी योग्यता, वीरता, शौर्य और त्याग का अदभुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह सिलसिला विषेषकर मध्यकालीन भारत से होता हुआ आज तक जारी है। जिस समय अंग्रेज़ों का नियंत्रण करीब-करीब पूरे उत्तर भारत में हो गया था उस समय वीरांगना बेगम हज़रत महल ने अंग्रेज़ों को ललकारा था। अवध के शासकों ने हमेषा सर्वधर्म सम्भाव और भारतीय मेल-मिलाप की संस्कृति को बढावा दिया। अवध में हिन्दु-मुस्लिम सभी त्यौहार मिलकर मनाते थे पता ही नही चलता था कि किसका पर्व है यही कारण था कि जब हज़रत महल ने अंग्रेज़ो से मुकाबला किया तो उनके नेतृत्व में सभी धर्मो के लोग एकजुट हो गये और मातृभूमि को अंग्रेज़ो से स्वतंत्र कराने को लड़े। जिनमें प्रमुख रुप से राजा बेनी माधव, रायबरेली, राजा बलभदª सिंह चहलारी, राजा लोने सिंह, मितौली आदि थे जिन्होने अंग्रेज़ो से ज़बरदस्त संघर्ष किया और उन्हे बेलीगारद में हिसार में रहने को मजबूर कर दिया। महारानी विक्टोरिया के आम माफ़ी के बाद भी बेगम हज़रत महल ने अग्रेज़ों से कोई समझौता नही किया, वो देष छोड़कर चली गयीं।
डा0 रिज़वी ने कहा कि वह जिस रास्ते कुर्सी-महमूदाबाद-रेउसा होते हुए नेपाल गयी थी मैने सार्वजनिक निर्माण मंत्री रहते हुए उस रास्ते का नाम बेगम हज़रत महल मार्ग रखा था तथा उनके नेतृत्व में प्राणों की आहुति देने वाले महावीर राजा बलभदª सिंह चहलारी के नाम पर 1.5 किलोमीटर का पुल घाघरा नदी पर पास किया था। मितौली, लखीमपुर में राजा लोने सिंह के नाम पर इंटरमीडिएट कालेज खुलवाया। रायबरेली में राजा बेनी माधव के नाम पर संस्थायें खुली और मेरे विधानसभा क्षेत्र रहे महमूदाबाद में पालीटेक्निक में हज़रत महल गल्र्स हास्टल बनाया व हज़रत महल डिग्री कालेज खालने की भी तैयारी है।
डा0 रिज़वी ने हज़रत महल को ऋृद्वांजलि अर्पित करते हुए प्रदेष सरकार से बेगम हज़रत महल की स्मुति में एक विष्वविद्यालय बनाये जाने का पक्ष रखा तथा पीएसी की एक महिला बटालियन को वीरांगना हज़रत महल के नाम पर रखने की अपील की।
फ़ोरम की बैठक का समापन वीरंागना बेगम हज़रत महल को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट मौन रहकर हुआ। यह सूचना फ़ोरम के मीडिया इंचार्ज जमील हसन नक़वी ने दी है।
19वीं सदी में अंग्रेज़ों से बेगम हज़रत महल ने अपनी योग्यता और महिला सषक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण पेष किया था।
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