खाने-पीने की वस्तुओं को लेने से पहले हो जायें सावधान

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वार्षिक सत्र में लिये गये नमूनों में अधिकांश हुये फेल
मिलावट के खिलाफ अभियान लगातार रहेगा जारी : विनोद कुमार शर्मा

ललितपुर। शहर में बेची जा रहीं खाद्य वस्तुओं में मिलावट का स्तर काफी बढ़ गया है। ऐसे में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग लगातार कार्यवाहियां भी कर रहा है। लेकिन जागरूकता की कमी के चलते लोग कई ऐसी वस्तुओं को खाकर सेहत से खिलबाड़ कर रहे हैं, जिनमें मिलावट है। जी हां, यह बात सही है, क्योंकि एक साल में खाद्य वस्तुओं के भरे गये नमूनों में अद्योमानक हुये सेम्पलों के आंकड़े डराने वाले हैं। खाद्य वस्तुओं के लिए गये आंकड़ों में करीब सत्तर फीसदी नमूने प्रयोगशाला में फेल हुये हैं। यह चिन्ताजनक है। हालांकि मिलावट के खिलाफ जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी के निर्देशन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग लगातार कार्यवाहियां कर रहा है।

सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय विनोद कुमार शर्मा ने बताया पिछले वर्ष लिये गये नमूनों में 226 वस्तुओं जांच आख्या प्रयोगशाला से विभाग को प्राप्त हुयीं हैं, जिनमें से कुल 137 नमूने फेल हुये हैं। इसके अलावा 20 नमूने तो ऐसे निकले, जो कि सेहत और सुरक्षा के लिहाज से बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं। इस प्रकार कुल फेल हुये नमूनों की संख्या 157 हैं, जो कि प्रतिशत के आंकलन में 69.47 प्रतिशत होती है। यह प्रतिशत का आंकड़ा काफी चिन्ता का विषय है और मिलावट का पैमाना दर्शाने के लिए एक पैमाना माना जा सकता है। सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय ने यह भी बताया कि मिलावट करने वालों के खिलाफ विभाग द्वारा अपर जिलाधिकारी न्यायालय से 167 वाद दायर किये गये हैं, जिनमें 100 पर तो 16.39 लाख रुपये का जुर्माना भी आरोपित किया गया है। उन्होंने बताया कि मिलावट करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा। इसके अलावा उन्होंने शहर के व्यापारियों से भी आह्वान किया है कि वह विभागीय कार्यवाहियों में सहयोग करें, जिससे कि लोगों की सेहत से खिलबाड़ करने वाले ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जा सके।

12 लाख के टर्न ओवर पर लाइसेंस अनिवार्य

सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि 12 लाख रुपये वार्षिक टर्न ओवर वाले खाद्य व्यापार से जुड़े दुकानदारों को खाद्य सामग्री बेचने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है, जो कि विभाग द्वारा मुहैया कराया जाता है। इसके एवज में 2 हजार रुपये वार्षिक शुल्क शासन के पक्ष में जमा किया जायेगा। इसके अलावा 12 लाख से नीचे के टर्न ओवर वाले दुकानदारों को विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य है, जिसकी पंजीकरण शुल्क 100 रुपये वार्षिक हैं। इसके अलावा हाथ ठेला, गुमटी इत्यादि पर फीस की छूट हैं, लेकिन उन्हें पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

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