अवधनामा संवाददाता
बांदा। सोमवार को राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की 13 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा एवं दीनदयाल शोध संस्थान, चित्रकूट द्वारा निर्णय लिया गया कि बुन्देलखण्ड के ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने व उनकी दक्षता में वृद्धि तथा अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के विकास हेतु मिलकर कार्य किया जायेगा। इस हेतु विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डा0 नरेन्द्र प्रताप सिंह व दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव माननीय अभय महाजन द्वारा समझौता पत्र (एम0ओ0यू0) पर हस्ताक्षर किये गये।
दीनदयाल शोध संस्थान पद्म विभूषित राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख द्वारा स्थापित संगठन है जो ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य देश के अनेक हिस्सों में कर रहा है। विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों व बुन्देलखण्ड के नवयुवा वर्ग जो कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार करना चाहते है इस समझौते के माध्यम से उन्हे लाभ प्राप्त हो सकेगा। साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा विकसित व संस्तुत तकनिकियों को ग्रामीणांचल तक पहुँचाने में आसानी हो सकेगी।
समझौता पत्र हस्ताक्षर के अवसर पर मंच पर दीनदयाल शोध संस्थान के माननीय अध्यक्ष, श्री बीरेन्द्रजीत सिंह, माननीय प्रधान सचिव, श्री अतुल जैन, सतना के माननीय सांसद श्री गणेश सिंह, दीनदयाल शोध संस्थान के सचिव श्री वसंत पण्डित, पदमश्री श्री उमाशंकर पाण्डेय, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल के माननीय कुलपति, डा0 अनुपम मिश्रा, ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट के पूर्व कुलपति डा0 एन0 सी0 गौतम, वर्तमान कुलपति डा0 भरत मिश्रा, प्रसार निदेशालय, कृषि विश्वविद्यालय बाँदा के सह निदेशक प्रसार, डा0 नरेन्द्र सिंह तथा हजारों गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।