डिजिटल अटेंडेंस के लिए शिक्षकों पर दबाव बनाना गलत

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सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा शिक्षकों के प्रति हमदर्दी जताने के बाद प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री रहे पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी भी शिक्षकों के समर्थन में आगे आए हैं।

उन्होंने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि सरकारी डंडे से डराकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं लाया जा सकता। शिक्षक सृजनकर्ता होता है। शिक्षकों पर दबाव बनाना ठीक नहीं। इन पर विश्वास करना ही बेहतर होगा। बेसिक शिक्षा मंत्री रहे श्री चौधरी ने कहा कि कोई भी शिक्षक देर से स्कूल नहीं पहुँचना चाहता है, लेकिन कभी सार्वजनिक परिवहन का देर से चलना इसका कारण बन सकता है। इसके अलावा कहीं रेल का बंद फाटक और कहीं घर से स्कूल के बीच की पचासों किमी. की दूरी। कभी मौसम या अन्य प्राकृतिक कारण, क्योंकि शिक्षकों के पास स्कूल के पास रहने के लिए न तो सरकारी आवास होते हैं न दूरस्थ इलाकों में किराये पर घर उपलब्ध होते हैं। ऑनलाइन हाजिरी से अनावश्यक तनाव जन्म लेता है और मानसिक रूप से उलझा अध्यापक कभी जल्दबाज़ी में दुर्घटनाग्रस्त भी हो सकता है। जिसके अनेक उदाहरण भी मिलते हैं।

उन्हाेंने कहा कि सरकार को चाहिए कि सबसे पहले वह शिक्षकों की आशंकाओं और समस्याओ को दूर करने के दिशा में काम करें। वर्तमान सरकार शिक्षक और शिक्षा के मन्दिर को अपनी हंटर नीति से दूर ही रखे। श्री चौधरी ने डिजिटल अटेंडेंस के मुद्दे पर शिक्षकों के प्रति सहानुभूति जताई।

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