अवधनामा संवाददाता (शकील अहमद)
वर्ष 2008-09 में बने आवास का फर्श और प्लास्टर भी टूट रहा
कुशीनगर। पडरौना शहर में मुख्य पश्चिमी गंडक नहर किनारे स्थित कांशीराम शहरी आवासों में रहने वाले लोगों के लिए अब तक बिजली, शुद्ध पेयजल और शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। यहां रहने वालों को अपनी जरूरत के लिए या तो खुद रुपये खर्च कर व्यवस्था करनी पड़ी है या इसके लिए दूर जाना पड़ता है। आवासों का फर्श और प्लास्टर भी टूटकर गिर रहा है। जगह-जगह झाड़ियां उगी हैं। सफाई न होने से मच्छर पनप रहे हैं, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वर्ष 2008-09 में बसपा के शासनकाल में कराए गए कांशीराम आवासों के निर्माण के दौरान ही यहां भी आवास बनाए गए थे। लगभग ढाई सौ आवासों के निर्माण के बाद निर्बल एवं भूमिहीन लोगों को आवास आवंटित किया गया था। उस समय बिजली कनेक्शन, शौचालय की टंकी आदि की व्यवस्था नहीं थी। लाभार्थियों को लगा कि आने वाले दिनों में समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन वर्षों बाद भी समस्या सुधरने के बजाय और बदतर हो गई है।यहां के आवंटियों की मानी जाए तो आवासों में बिजली कनेक्शन नहीं मिला है। कुछ लोग खुद कनेक्शन लेकर बिजली का उपभोग करते हैं और बिल चुकाते हैं। इसी तरह यहां लगा इंडिया मार्क टू हैंडपंप वर्षों से खराब है। कुछ आवंटी खुद साधारण हैंडपंप खरीदकर लगवाए हैं और उसी का पानी पीते हैं। इसी तरह आवासों में शौचालय की सीट तो लगी है, लेकिन टंकी नहीं बनी है। कुछ आवंटी तो खुद आरसीसी टंकी खरीदकर लगवाए हैं, जबकि अधिकतर लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। आवास पुराने हो जाने और मरम्मत न होने के कारण फर्श टूट गया है और प्लास्टर भी टूटकर गिरता रहता है। इसके बावजूद इन समस्याओं की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है। सफाई भी नहीं होती।
आवासों में रहने वाले आवंटी बोले
निर्धन एवं बेघर परिवारों को सरकार ने आवास दिलाया था, लेकिन यहां सुविधाओं का अभाव है। शुद्ध पानी तक नहीं मिलता है। न ही खराब हैंडपंप की मरम्मत कराई जाती है।
वाजिद खान
हर परिवार के लिए अलग-अलग आवास बने हैं। शौचालय की सीट भी है, लेकिन टंकी ही नहीं है। इस वजह से आवासों का शौचालय उपयोग के लायक ही नहीं है।
सैयदा खातून
हमें इन आवासों में रहते करीब दस साल हो गया है, लेकिन अब तक बिजली कनेक्शन नहीं लग पाया है। कुछ लोग अपने खर्चे से कनेक्शन लेकर कमरे में बल्ब जलाते हैं।
कमरुन निशा
आवासों के आस-पास बहुत गंदगी है। न झाड़ियों की सफाई होती है और न नालियों की। इसके चलते मच्छर पनपते हैं। रात की कौन कहे, यहां दिन में ही मच्छर काटते हैं।
शेर मोहम्मद
पडरौना नगर में स्थित कांशीराम आवासों में बिजली, पेयजल और शौचलय संबंधी सुविधाएं कार्यदायी संस्था को करनी चाहिए थी। फिर भी वहां जो समस्याएं हैं, उन्हें दूर कराया जाएगा। सफाई कर्मचारियों को भेजकर वहां सफाई कराई जाएगी। इसके अलावा कांशीराम आवासों में बहुत लोग अवैध रूप से रह रहे हैं। प्रशासन से कहकर उन आवासों को खाली कराया जाएगा।
विनय जायसवाल, चेयरमैन नगरपालिका परिषद, पडरौना