अवधनामा संवाददाता
विभिन्न स्थानों पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन
जगह जगह निकली गई रैली भारी संख्या लोग हुए शामिल
मीम और भीम के नारा केवल छलावा, आज जोगेन्द्र नाथ मंडल की जीवनी पढ़ने और जानने की आवश्यकता हैं:- राघवेन्द्र प्रताप सिंह
डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। रविवार को संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जन्मोत्सव जगह जगह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, जिसमें समाज के सभी लोग शामिल नजर आएं। मंदिर चौराहा परिवर्तन चौक, शाहपुर स्थित अंबेडकर पार्क में बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कार्यक्रम रखा गया। जिसमें पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह सहित शहर के सभी युवा वर्गों व अन्य जनप्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और इस दौरान बाबा साहब की गाजे-बाजे के साथ रैलियां भी निकाली गई। इस दौरान सभी जनप्रतिनिधियों और युवाओं ने जन्मोत्सव की एक-दूसरे को बधाईयां दी और बाबा साहब अमर रहें, भगवान बुद्ध की करुणा हो के नारे भी लगाए। मंदिर चौराहा परिवर्तन चौक पर बच्चों द्वारा तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला। पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जन्म उत्सव पर सभी जनपद वासियों को बधाई देते हुए कहा कि, बाबा साहब उस संविधान के निर्माता थे जिसकी वजह से आज सभी को समान अधिकार प्राप्त हुए हैं और भारत देश एक नई दिशा में बढ़ रहा है। पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप ने बताया कि भारत और पाकिस्तान दोनों के पहले कानून मंत्री दलित थे, लेकिन भारत के डॉ भीम राव अंबेडकर को पूरा देश पूजता व जानता हैं, वही यह अलग बात है कि अब पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली की वेबसाइट पर पहले अध्यक्ष के तौर पर जोगेंद्र नाथ मंडल का नाम तक मौजूद नहीं है और उन्हें पाकिस्तान में ‘देशद्रोही’ माना गया और 1950 में पाकिस्तान हो रहे अन्याय के कारण भारत आने पर विवश होना पड़ा। मीम और भीम का नारा केवल छलावा हैं, ये केवल वोट के खातिर साथ होने के बात करते हैं और जब भी सत्ता में होते हैं केवल और केवल शोषण करते है जो किसी से छिपा नहीं हैं। बाबा साहब हमेशा लोगों को साथ लेकर चले, इसीलिए उनका व्यक्तित्व इतना बड़ा बन सका। उनका मानना था कि व्यक्ति की तरक्की में सभी का साथ होता है, इसलिए उसे लोगों को साथ लेकर चलना चाहिए। इस दौरान चन्द्र प्रकाश चौधरी, रमेश लाल श्रीवास्तव, दिलीप उर्फ छोटे पाण्डेय, मधुसूदन अग्रहरि, गंगाराम गौतम, राममिलन गौतम, अनिल गौतम, रणजीत गौतम, करन गौतम आदि मौजूद रहे।