चिकित्सा क्षेत्र में आयुर्वेद पद्धति का महत्वपूर्ण स्थान है : डा.मोनिका

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अवधनामा संवाददाता

नेमवि में राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय शिविर संचालित
अनुशासन से भी शरीर को रख सकते है स्वस्थ : डा. राजीव निरंजन

ललितपुर। नेहरू महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो. राकेश नारायण द्विवेदी के कुशल मार्गदर्शन में संचालित हो रहे राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय रचनात्मक कार्यक्रमों में रविवार को आयुर्वेदिक चिकित्सा को लेकर शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. मोनिका कटियार ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। मुख्य अतिथि आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. मोनिका कटियार ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के इस शिविर में बहुत ही बेहतर तरीके से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को समझने और समझाने का कार्य किया है, जो कि सराहनीय है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में होम्योपैथी, एलोपैथी के साथ- साथ आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का भी बहुत महत्व है। कहा कि आज भी आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए जिले में संचालित आयुर्वेदिक, यूनानी चिकित्सा से लोगों को लाभान्वित करने के लिए शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिससे तमाम रोगों का परीक्षण कर दवाओं का वितरण और परामर्श दिया जाता है। उन्होंने बताया कि कोरोना संकटकाल में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति ने बहुत लोगों के जीवन को बचाने का कार्य किया है। अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए प्रत्येक दिन सुबह योगा और व्यायाम करना चाहिए। जिससे हमारे मानसिक तनाव को कम कर सके। हमे बीमारी से बचने के लिए अपने खान पान पर विशेष ध्यान रखने की आवश्कयता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमे अपने जीवन की दिनचर्या को बदलने की आवश्यकता है। सुबह जल्दी उठे और रात में भी 10 बजे तक सो जाये। जिससे हमारे मानसिक स्वास्थ्य सही रहने से हमे दवाईओ की आवश्यक्ता ही नही रहेगी। महाविद्यालय के शारीरिक शिक्षा के प्रोफेसर डा.अनिल सूर्यवंशी ने छात्रों को खेलों के माध्यम से आने आप को स्वस्थ रखने के उपाये बताये। शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए हमे प्रतिदिन व्यायाम करना अति आवश्यक है। हमे किसी भी तरह का कोई भी नशा नही करना चाहिए। डा.संतोष सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि अपने जीवन मे एक लक्ष्य निर्धारित करके काम करे। और उसे जब तक आने लक्ष्य को न पा ले तब तक कडी मेहनत करते रहे। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डा.राजीव निरंजन ने कहा कि शिविर में विगत दिनों से स्वयंसेवकों को कई महत्वपूर्ण विषयों में जानकारी देते हुए समाज मे बेहतर कार्य करने की भावनाओं से ओतप्रोत प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने स्वयंसेवकों से कहा कि अनुशाशित रहकर भी हम तमाम प्रकार की बीमारियों से निजात पा सकते है। कहा कि स्वच्छता अपनाने और घर के अलावा आसपास साफ- सफाई रखने से भी बीमारियां दूर रहती है। बाबजूद इसके कोई किसी प्रकार से बीमार हो जाता है तो उसका समुचित उपचार आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में भी निहित है। इस अवसर पर इस अवसर पर रवि, जगभान, स्वयंसेवक अमन, आशीष, अनस, अजय, कुलभूषण, अनुज, मनीष, नंदकिशोर, हर्ष, राहुल, अभिमन्यु, विजय, रूपेंद्र, पंकज, रोहित, अभिषेक, आलोक, अलंकृत, अमित, ऋषि मिश्रा, नितेन्द्र, हिमाचल राजा, राजा बाबू, गौरीशंकर, हरगोविंद, नरेश, मोहन, महेंद्र, रूपेश, शैलेन्द्र, शुभम, सुरेंद्र, राहुल, आदित्य, अभय आदि उपस्थित रहे। शिविर में गोष्ठी का संचालन स्वयंसेवक रोहित अहिरवार ने किया। अंत में आभार स्वयंसेवक नरेश ने किया।

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