शारदा सहायक नहर में पानी न होने से धान की नर्सरी नहीं डाल पा रहे किसान।
गोसाईगंज,अयोध्या। धान की नर्सरी डालने का उचित समय आ गया है धान की नर्सरी डालने का मुफीद समय 15 से लेकर 20 जून तक है। बावजूद इसके शारदा सहायक नहर में पानी नहीं है, नहर में पानी की जगह धूल उड़ रही है ऐसे में किसान धान की नर्सरी डालने का खेत भी तैयार नहीं कर पाए हैं। खेत नहीं तैयार होने के कारण किसान धान की नर्सरी समय से नहीं डाल पाएंगे जिससे उनको दिक्कत का सामना करना पड रही है नर्सरी नहीं डाल पाने की चिंता किसानों के चेहरे पर साफ देखी जा सकती है।
बाराबंकी से अयोध्या,अकबरपुर होते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ तक 264 किलोमीटर तक बहने वाली शारदा सहायक नहर इन दिनों सूखी पड़ी है। नहरों एवं माइनरों में पानी ना होने से इनमें बच्चे जहां गुल्ली डंडा खेल रहे हैं वही रेत सुखी तथा चल रही तेज हवाओं से नहरों के बगल से संपर्क मार्ग से आने जाने वाले राहगीरों की आंखों में रेत चुभने के साथ ही काफी कष्टदाई साबित हो रहा है। किसानों को खेती में पैदावार होने वाली फसलों में पानी की कमी ना रहे इसके लिए सरकार ने नहर एवं नलकूप का साधन उपलब्ध कराएं इन दिनों शारदा सहायक नहर बंद होने के कारण किसान ना तो धान की नर्सरी डाल पा रहे हैं ना ही पिपरमेंट गन्ने आदि की सिंचाई कर पा रहे हैं। जबकि इन दिनों किसानों को पानी की बहुत आवश्यकता है शारदा सहायक नहर में पानी न आने से गोसाईगंज क्षेत्र स्थित अमसीन, बोधीपुर,बेरा, किसुनीपुर,गद्दोपुर, जैता, रामापुर परमानपुर सहित दर्जनों माइनरों में पानी नही है। वही इन माइनरो से सिंचाई कर खेती कर रहे हजारों किसान किसानों को गन्ना मेंथा आयल एवं धान की नर्सरी डालने के लिए तमाम जतन करने पड़ रहे हैं। बड़े किसान जेब ढीली कर पंपिंग सेट के सहारे फसलों की देखभाल तो कर ले रहे हैं लेकिन छोटे किसान परेशान होकर अपनी किस्मत कोस रहे हैं। जितेंद्र कुमार यादव, सालिकराम, पंकज ओझा, अनिल कुमार, बृजेश कुमार, विनोद मिश्र, आदि ने बताया कि नहरों में पानी न छोड़े जाने से किसानों में पानी के लिए हाहाकार मचा है।