अवधनामा संवाददाता
अयोध्या। मण्डलायुक्त गौरव दयाल की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 84 कोसी परिक्रमा मार्ग( एनएच 227 बी) के सुधार एवं विकास के कार्यों, जनपद अयोध्या में अयोध्या बाईपास( रिंग रोड ) निर्माण हेतु भूमि अर्जन की अद्यतन स्थिति के साथ-साथ अयोध्या लखनऊ राजमार्ग के बाईपास के सौंदर्यीकरण अनुरक्षण आदि कार्यो के प्रगति की समीक्षा बैठक आयुक्त कार्यालय सभागार में आहूत की गई।
सर्वप्रथम मण्डलायुक्त ने अयोध्या लखनऊ राजमार्ग के बाईपास के सौंदर्यीकरण के कार्यों के प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि बाईपास सौंदर्यीकरण का कार्य 15 जुलाई तक पूर्ण किया जाए।उन्होंने कहा कि इस सौंदर्यीकरण के कार्य में जहां भी सर्विस रोड के साथ फुटपाथ का प्रावधान है उसमें फ्लोर टाइल उच्चतम श्रेणी की लगाई जाए। टाइल व कर्ब स्टोन अच्छे कार्य कुशलता एवं सजावटी पैटर्न के साथ लगाया जाए तथा रोड के नाले के ऊपर स्लैब ढलाई इतनी सुंदर ढंग से हो कि लोग उसे फुटपाथ के रूप में भी प्रयोग कर सकें। बाईपास एवं इसकी सर्विस रोड की नियमित साफ-सफाई हेतु एनएचएआई आने वाले को व्यय को आगणित कर अयोध्या विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित करते हुए साफ सफाई सुनिश्चित कराएं। मंडलायुक्त ने कहा कि बाईपास की मीडियन जगह जगह टूटी फूटी है जो नियमित नहीं है उसे सही कराया जाय तथा मीडियन में जो सजावटी पौधे लगाए गए हैं उनकी नियमित देखभाल की जाए। इसके लिए इसे चैनेज वाइज बांटकर प्रत्येक चैनेज हेतु एक डेडिकेटेड माली तैनात करते हुए उनका बेहतर ढंग से रखरखाव किया जाए। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइट सहित अन्य कार्यों हेतु जो विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता है उसे विद्युत विभाग से समन्वय करते हुए कनेक्शन की प्रक्रिया पूरी करते हुए एक सप्ताह के भीतर सभी पोलो को उर्जित किया जाए। मंडलायुक्त ने कहा कि बाईपास के अण्डरपासो यथा सहादतगंज,रायबरेली, सुल्तानपुर,अंबेडकरनगर अंडर पास में जो फव्वारे व मूर्तियां स्थापित की गई हैं उनको वॉर्म लाइट लगाकर बेहतर ढंग से सजाया जाए जो देखने में आकर्षक लगे। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि बाराबंकी से अयोध्या तक कई स्थानों पर मार्ग में गड्ढे हो गए उन्हें भी दुरुस्त कराने की आवश्यकता है जिससे इस मार्ग को भारत की सुंदर तम राजमार्गों में से एक बनाया जा सके। जिस पर एनएचएआई के पी0डी0 श्री सौरभ चौरसिया द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त मार्ग में गड्ढे भरने आदि का कार्य नियमित चल रहा है। इसके अतिरिक्त इस मार्ग को और बेहतर बनाने हेतु प्रस्ताव मंत्रालय को प्रेषित किया जा चुका है जिसमें संभवत इस वर्ष के सितंबर माह तक कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा।
इसके पश्चात मण्डलायुक्त ने 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के सुधार एवं विकास के कार्यों तथा अयोध्या बाईपास (रिंग रोड)के भूमि अर्जन के अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की ।इसके संबंध में संबंधित अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अयोध्या रिंग रोड के अंतर्गत कुल 35 ग्रामों का अभिनिर्णयध्अवार्ड घोषित किया जाना अपेक्षित है जिसमें से 33 ग्रामों का अभिनिर्णय घोषित किया जा चुका है तथा 2 ग्राम सरायरासी मांझा वह रामपुर हलवारा मांझा के भू नक्शे से संबंधित समस्याओं के कारण अवार्ड घोषित नहीं किया जा सका है। जिस पर मंडलायुक्त ने सहायक अभिलेख अधिकारी अयोध्या को निर्देशित किया कि वह तत्काल स्वयं संबंधित तहसील की टीम एवं चकबंदी विभाग व एनएचएआई के प्रतिनिधि के साथ मौके पर जाकर जो भी समस्याएं आ रही है उसका निराकरण कराए। मंडलायुक्त ने कहा कि इस रिंग रोड निर्माण में मुख्य कैरेज वे की जद में आने वाले पेड़ों के अलावा अन्य किसी पेड़ को ना काटा जाए तथा ज्यादा से ज्यादा पेड़ों को बचाने का प्रयास किया जाए। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के विकास की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस कार्य को करने के लिए 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को कुल 06 पैकेजो में बांटा गया है जिसमें पैकेज 01 जनपद बस्ती,पैकेज 02 जनपद बस्ती व अयोध्या, पैकेज 03 जनपद अंबेडकरनगर व अयोध्या,पैकेज 04 जनपद अयोध्या,पैकेज 05 बाराबंकी व गोंडा,पैकेज 06 जनपद गोंडा के ग्रामों,जो परिक्रमा मार्ग पर स्थित है,से संबंधित है। मंडलायुक्त ने परिक्रमा मार्ग से संबंधित सभी जनपदों के भूमि अध्याप्ति अधिकारियों से कहा कि भूमि अर्जन संबंधित सभी कार्य प्राथमिकता पर किए जाए तथा सर्वे के दौरान ही प्रभावित भू स्वामियों से बैंक खाता संबंधी सभी डिटेल प्राप्त करते हुए मुआवजे की धनराशि का वितरण तत्काल सुनिश्चित कराया जाय।
बैठक में जिलाधिकारी नितीश कुमार, एनएचएआई उत्तर प्रदेश पूर्वी के सलाहकार मणि प्रसाद मिश्र, एडीएम(एल/ए) अयोध्या प्रभाकांत अवस्थी सहित सभी सम्बन्धित जनपदों के भूमि अध्याप्ति अधिकारीगण, डीएफओ अयोध्या, बाराबंकी, गोंडा, पीडी एनएचएआई सौरभ चौरसिया सहित एनएचएआई के सभी अभियंतागण एवम अन्य सबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।