इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इमरान खान की पीएम पद से विदाई के बाद भी वहां के हालातों में कोई अंतर देखने को नहीं मिल रहा है। नए पीएम शहबाज शरीफ के आने के बाद भी न तो महंगाई कम हो रही है ना ही आतंकवाद अपनी जड़ें छोड़ पा रहा है। हाल ही में पेशावर में सिखों और शिया अल्पसंख्यकों की लक्षित हत्याओं की कई घटनाओं ने पड़ोसी मुल्क में इस बढ़ते आतंकवाद का सबूत दिया है। पेशावर के बाजार में पिछले रविवार की सुबह अज्ञात हमलावरों ने दो सिख दुकानदारों की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद से पाक में आतंकवाद का मुदा एकबार फिर गर्म हो गया है।
खुफिया विभाग लगातार हो रहा फेल
सिखों पर हुए हमले के बाद पेशावर के पुलिस अधिकारी (सीसीपीओ) एजाज खान ने भी इस हत्या के मामले को आतंकवादी घटना बताया है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान का खुफिया विभाग गांव के स्तर तक अपने नेटवर्क का विस्तार करने में विफल रहा है। पाकिस्तान स्थित मीडिया आउटलेट द फ्रंटियर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, वहां का खुफिया विभाग एक सक्रिय रणनीति के बजाय एक प्रतिक्रियाशील सिद्धांत का पालन करते हुए विफल साबित हो रहा है। हाल के वर्षों में एक भी आतंकी मामला ऐसा नहीं है, जिसे होने से पहले खुफिया एजेंसियों ने निष्प्रभावी कर दिया हो। ज्यादातर मामलों में पुलिस अपराध होने के बाद ही अपराधियों को गिरफ्तार कर घटनाओं की जांच करती है।
कई आतंकवाद विरोधी योजनाएं बट्टे खाते में
इसके अलावा, पाकिस्तान में कई आतंकवाद विरोधी योजनाओं को भी बट्टे खाते में डाल दिया गया है। पिछली सरकारों ने भी राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) के क्रियान्वयन को छोड़ दिया था, जिसे आतंकवाद पर कार्रवाई करने के लिए लागू किया जाना था। मीडिया पोर्टल के अनुसार, यह एनएपी व्यापक दस्तावेज, जिसका उद्देश्य सिस्टम की सभी कानूनी, तकनीकी, वित्तीय और प्रशासनिक खामियों को नियमित करना था, उसे भी बिना क्रियान्वयन के अलग रख दिया गया था। पाकिस्तान में आतंक की पकड़ मजबूत होती जा रही है और एनएपी के पूर्ण कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राजनीतिक नेतृत्व पर है जिसके लागू होने की संभावना अभी दूर तक प्रतीत नहीं हो रही है।
सिखों की हत्या मामले में अभी तक कोई गिरफ्तार नहीं
पेशावर में सिखों की हत्या करने वाले बंदूकधारियों ने एक पीड़ित की दुकान के अंदर हत्या कर दी, जबकि दूसरे को उसके कार्यालय के बाहर गोली मार दी थी। हमलावर मोटरसाइकिल पर थे और उन्होंने एके-47 राइफल का इस्तेमाल किया था। सीसीपीओ के अनुसार, बंदूकधारी घटनास्थल से भागने में सफल रहे। पाकिस्तान की कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस तरह की कई घटनाएं रसातल में लंबित पड़ी हैं लेकिन वरिष्ठ नौकरशाही की कोई दिलचस्पी नहीं है और वह अपना कार्यकाल शांतिपूर्वक गुजारना चाहते हैं।