अवधनामा संवाददाता
सुशासन दिवस के रूप मनी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती
कुशीनगर। अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति में नाम नहीं बल्कि राजनीति की एक संस्था है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ऐसे व्यक्ति जिन्हें एक कुशल वक्ता, राजनेता और संसद में उनके हाजिरजवाबी के लिए जाना जाता है। जिनके प्रधानमंत्रित्व काल को देश के विकास में स्वर्णिम अध्याय की शुरूआत के रुप में देखा जाता है। यह बातें अटल जयन्ती पर पडरौना में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित सुशासन दिवस संगोष्ठी में पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा।
उन्होंने कहा कि अटल जी भारत में विकास एवं सुशासन का नया अध्याय लिखा और विश्व मंच पर देश को एक नई पहचान दिलाई। वे दूरद्रष्टा ही नहीं एक युगद्रष्टा भी थे। राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान अविस्मरणीय है। 31 मई 1996 को संसद में विश्वास मत के दौरान अटल जी ने कहा था, “सरकारें आएंगी-जाएंगी मगर ये देश और उसका लोकतंत्र रहना चाहिए।” उनकी यह बात भारतीय लोकतंत्र में हमेशा गूंजती रहेंगी। अटल जी ने अपने सिद्धांतों के लिए अपनी सरकार की कुर्बानी दे दी थी। जिला प्रभारी रमेश सिंह ने कहा कि जय जवान जय किसान के बाद इस नारे में जय विज्ञान को जोड़ते हुये, जय जवान- जय किसान-जय विज्ञान का नारा देने वाले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने दुनिया के शक्तिशाली देशों के विरोध के बाद भी 11 और 13 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण कर भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया था। सांसद विजय कुमार दूबे ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में देश की बागडोर संभालने के साथ अटल बिहारी वाजपेई ने देश के विकास का जो नींव रखी वह आज भी नजीर है। संगोष्ठी को पडरौना विधायक मनीष जायसवाल मंटू, हाटा विधायक मोहन वर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष जय प्रकाश शाही, जिला उपाध्यक्ष विजय कुमार शुक्ल, पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी, मदन गोविंद राव ने भी सम्बोधित किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष डॉ प्रेमचन्द मिश्र और संचालन जिला महामंत्री सुदर्शन पाल ने किया।