अवधनामा संवाददाता
आजमगढ़। चाइल्ड केयर क्लिनिक, सिधारी पर पुष्य नक्षत्र के अवसर पर कल देर रात तक स्वर्णप्राशन की खुराक पिलाई गई। शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डी.डी. सिंह ने कहा कि प्राचीन काल से ही स्वर्णप्राशन हमारे समाज में प्रचलित रहा है। स्वर्णप्राशन के प्रयोग से बच्चों की शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास होता है और वे भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों से बचे रहते हैं।
डॉ. डी.डी. सिंह ने कहा कि आज के दौर में जब शारीरिक क्रियाकलाप काफी कम हो गया है और लोग मोबाइल, लैपटॉप जैसे गैज़ेट का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं तो सभी शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो रहे हैं। इससे बचाव के लिए स्वर्णप्राशन अमृत समान लाभकारी है। डॉ. डी.डी. सिंह ने कहा कि यदि कोई बच्चा स्वर्णप्राशन का 1 माह तक नियमित सेवन करता है तो वह मेधावी हो जाता है। साथ ही यदि वह 6 माह तक नियमित सेवन कर ले, तो श्रुतधर हो जाता है अर्थात जो भी सुनेगा, उसे याद हो जाएगा। और शारीरिक रूप से भी इतनी मजबूत हो जाता है कि बार-बार बीमार नहीं पड़ता है और न ही हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ता है। स्वर्णप्राशन के नियमित सेवन से बच्चों का पाचन तंत्र मजबूत होता है, बुद्धि का विकास होता है और सर्दी, जुकाम तथा अतिसार से बचाता है।
इस स्वर्णप्राशन शिविर में मानसी राय, नव्या, मनु, रुद्रांशी, अमृतेश प्रजापति, वेदश्री, वैभव कृष्णा, आव्या प्रजापति, अर्श आदि बच्चों ने स्वर्णप्राशन की खुराक ली। स्वर्णप्राशन की अगली खुराक 21 सितंबर को पिलाई जाएगी।