वजट से नाखुश आशा कार्यकत्रियों व संगिनियों ने किया प्रदर्शन

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कलेक्ट्रेट पहुंच कर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
 
ललितपुर। आशा कार्यकत्रियों की तमाम समस्याओं का निस्तारण शीघ्र किये जाने की मांग को लेकर आशा कार्यकत्री कर्मचारी महासंघ ने जिलाध्यक्ष आशा यादव के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुये कलेक्ट्रेट पहुंची। आशा कार्यकत्रियों व संगिनियों ने संयुक्त रूप से प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
ज्ञापन में बताया कि विधान सभा के जारी सत्र में वित्तीय वर्ष 2025 का बजट प्रस्तुत किया गया। पूरे बजट में प्रदेश भर में स्वास्थ्य अभियानों में अगुआ की भूमिका निभा रही आशा कर्मियों की बेहतरी, उनके जीवन जीने लायक मानदेय, सामाजिक सुरक्षा और उनकी सेवाओं की निरंतरता के सम्बन्ध में कोई चिंता नहीं की गई। 45 व 46 वे भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिस के अनुरूप कर्मचारी के रूप में मान्यता देने, न्यूनतम वेतन, ईएसआई, ईपीएफ, ग्रेच्युटी देने की दशक भर से उठ रही मांगों को अनसुना कर दिया गया।
प्रदेश में पिछले वर्ष 2 फरवरी को मिशन निदेशक के साथ हुई वार्ता में वर्ष 2019 से 2023 तक के और कुछ कृत कार्यों की एक दशक से बकाया प्रोत्साहन राशि के 1 लाख करोड़ से अधिक लापता भुगतान में अधिकांश की अदायगी का विश्वास दिलाया गया था किंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद उस दिशा में कोई रुचि नहीं दिखाई गई। बजट में आशा वकर्स के वर्षों से उठ रहे सवालों को अनसुना कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2021 के दिसंबर माह में आशा को 6700 और संगिनी को 11500 रु भुगतान करने का बयान आज भी सदन में एक प्रश्न के उत्तर में बताया गया किंतु यह मिथ्या है। प्रदेश की किसी एक भी आशा कर्मी को यह कथित भुगतान नहीं मिलता है। कई बार निदेशालय और सरकार महोदय से जानने के लिए और यह राशि भुगतान कराए जाने के लिए याचना की गई किंतु कोई कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।
प्रदेश में आशा कर्मियों के कार्यों के सापेक्ष मिलने वाली प्रोत्साहन राशियों में दिल खोलकर बेखौफ वसूली, बेनामी खातों में धन के स्थानानन्तरण और उसके नकदीकरण का खेल जारी है। आशा कार्यकत्रियों ने बताया कि प्रदेश भर में आशा कर्मी बजट के पूर्व बहुत आशान्वित थी किंतु सरकार की अनदेखी से बहुत निराश और क्षुब्ध है।
अतएव बजट के प्रति अपनी निराशा को अभिव्यक्त करते हुये मांग उठायी कि 45-46 वे भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिसो के अनुसार न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा अनुमन्य की जाये, वर्षो से लम्बित प्रोत्साहन राशियों के भुगतान तत्काल कराये जाने, बेगार में लिए जाने वाले कार्मो का आकलन कर उनका भुगतान कराया जाया और उत्पीडऩ तथा भुगतान के नाम पर अवैध वसूली पर रोक लगाये जाने, कम्प्यूटर ऑपरेटर का आशा कर्मियों से न लिये जाने की मांगों को उठाया। ज्ञापन देते समय जिलाध्यक्ष आशा यादव, नीतू रजक, तुलसादेवी, मेवा, उर्मिला, सुमनलता, जयन्ती, भागवती, संगीता, ममता गुप्ता, राजकुमारी, निर्मला देवी, सुनीता, सुधा देवी, मोहिनी तिवारी, लक्ष्मी, शिरोमणि, कौशिल्या, रामकुमारी, रेखा, जशोदा, आराधना, सीमा, सविता, जमना, गुड्डी, सरस्वती, नीतू रजक, अनीता, वर्षा बार, भारती साहू, ममता, रानीदेवी, राजाबेटी, गीतादेवी, प्रेमवती, तवस्सुम, सीतादेवी, ममता, बबली साहू, रेखा, सीमा, रामश्री, साधना, भुवन, प्रभादेवी, किरन, अनीता दुबे, विजय कुमारी, मायादेवी, रंजना, रूबी, सुनीता, मालती पाठक, रश्मिी के अलावा अनेकों महिलाएं मौजूद रहीं।
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